Migraine: कई रिसर्च में सामने आया है कि,महिलाओं में पुरुषों से अधिक माइग्रेन होने की समस्या पाई जाती है। रिपोर्ट्स की मानें तो हर एक पुरुष पर तीन महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित होती हैं| स्वास्थ विशषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव की समस्या ज्यादा रहती है। यही कारण है कि महिलाओं में माइग्रेन या तेज सिरदर्द, पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है।
हमें अक्सर किसी काम के स्ट्रेस की वजह से या नींद न पूरी होने के कारण सिर में दर्द की शिकायत होती है| कभी-कभी यह सिर दर्द हल्का-फुल्का होता है,जो कि थोड़ा आराम करने या कोई दवाई खाने से ठीक हो जाता है। परन्तु यदि आप अक्सर बहुत ज्यादा तेज या गंभीर सिरदर्द से पीड़ित रहते हैं तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए|
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ऐसे होता है Migraine का दर्द:
यह आम दिखने वाला सिर दर्द माइग्रेन (Migraine) की समस्या हो सकती है| माइग्रेन का दर्द आमतौर पर मध्यम दर्द से शुरू होकर गंभीर दर्द का रूप ले सकता है| यह दर्द सिर के अक्सर एक भाग से शुरू होकर सिर के दोनों भागों को प्रभावित कर सकता है| माइग्रेन का दर्द आमतौर पर चार घंटे से अधिक समय तक रहता है।
कुछ लोगों में यह दर्द दो से तीन दिनों तक भी रह सकता हैं। इस दर्द में सिर में स्पंदन या टीस जैसा महसूस होता है| इस दर्द में अक्सर जी मिचलाने या उलटी की समस्यां होती है| तेज शोर या अधिक रोशनी से चिड़चिड़ापन और असहज महसूस होता है|
महिलाओं में Migraine का अधिक जोखिम क्यों:
न्यूरोलॉजिस्ट का कहना है कि माइग्रेन आजकल आम सिरदर्द बन गया है। आज करीब 15% से ज्यादा लोग इस समस्यां से पीड़ित हैं| माइग्रेन की परेशानी का कारण आपकी फॅमिली हिस्ट्री भी हो सकती है| मतलब यदि आपकी फॅमिली में आपके माता-पिता या कोई और माइग्रेन से पीड़ित रह चुकें है तो आपको भी यह समस्या हो सकती है|
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोनल चैंजेस होते है जिसके कारण उन्हें माइग्रेन की समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 1 से 3 गुना अधिक माइग्रेन होता है।
ये भी हैं महिलाओं में Migraine के कारण:
Health Professionals कहते हैं कि महिलाओं के शरीर में हार्मोन में बदलाव होने के कारण उनमें अधिक माइग्रेन की समस्यां पायी जाती है। दरअसल, महिलाओं में माइग्रेन का मुख्य कारण एस्ट्रोजन नामक हार्मोन होता है। अक्सर महिलाएं जो गर्भ निरोधक गोलियां या हार्मोनल कंट्रोल करने वाली वाली दवाईयां लेती हैं, उसके कारण उनमें माइग्रेन का खतरा बहुत अधिक बड़ जाता है।
Migraine के आंकड़े:
2019 में ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global burden of diseases) ने माइग्रेन की इस समस्या पर एक अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि विश्व में 18 से 49 साल की महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अधिक पायी जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुरुषों की तुलना में, महिलाओं में बार-बार माइग्रेन का दर्द अधिक होता है।
डायट में ये चीजें जरूर शामिल करें:
वैसे तो यह समस्या ज्यादातर हार्मोनल बदलाव की वजह से होती है| परन्तु एसिडिटी भी इसका एक मुख्य कारण हो सकती है| इसलिए आपको अपनी डाइट पर ध्यान देना बेहद जरूरी है| वक़्त से भोजन ग्रहण करना चाहिए और ज्यादा मसालेदार या तले-भुने भोजन से दूर रहना चाहिए| इसके अतिरिक्त आप अपनी डाइट में शकरकंदी ,हल्दी,अदरक,चेरी ,पालक,हरी-पत्तेदार सब्जियां ,पेपरमिंट,मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ आदि को भी शामिल कर सकते हैं|
Disclaimer: उपर्युक्त खबर में उल्लेखित जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और परसेप्शन पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ अथवा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
