Artificial Intelligence : चोरी की घटना को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में ग्राम पंचायत से लेकर मुख्यालय तक हर विभाग की अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से निगरानी की जाएगी। एआई के जरिए निगरानी के लिए राज्य सरकार ने हर विभाग में ज्यादा डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने का फैसला किया है। नई सरकार बनने के बाद पहली बार सभी विभागों को एक साथ डिजिटल तकनीक और नेटवर्किंग के साथ जोड़ा जा रहा है। कर विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रविधानों से कर चोरी रूकेगी, साथ ही पारदर्शिता बढ़ेगी।
266 करोड़ रुपए का रखा गया बजट
बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से आम लोगों को सभी विभागों की आनलाइन सेवाओं का फायदा मिलेगा। इसके जरिए जनता को सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा। राज्य बजट में आइटी आधारित व्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रविधान किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने आइटी इनेबल्ड सेवाओं (आइटीईएस) के लिए 266 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
अब रुकेगी चोरी, बढ़ेगा भरोसा
राज्य शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तकनीक आधारित प्रयोगों के माध्यम से हम सरकार के खजाने में लीकेजों को रोकेंगे। अब तक कई प्रकार से हो रही चोरी पर लगाम लगाया जा सकेगा। इससे कर की दर में वृद्धि किए बिना हम पारदर्शी तकनीक आधारित करारोपण को अपनाकर सरकार के राजस्व में वृद्धि कर सकेंगेा शासन के सभी विभागों में आइटी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सेंटर फार स्मार्ट गवर्नेंस की स्थापना की जाएगी।
अब सारा काम होगा आनलाइन
विधानसभा में वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि अब आफलाइन को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कई विभागों के आनलाइन सिस्टम को हटाकर दिया था और आफलाइन सिस्टम लागू कर दिया। जैसे कोयला पर तकनीक आधारित रायल्टी सिस्टम को हटाकर लाल फीताशाही आधारित सिस्टम लागू कर दिया गया था। ऐसे मैनुअल हस्तेक्षेपों पर भाजपा सरकार पूर्ण विराम लगाने जा रही है। अब सारा काम आनलाइन सिस्टम से किया जाएगा।
