UP Crime: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां गांव की महिला सरपंच ने कथित तौर पर पति के प्रेम प्रसंग से मानसिक रूप से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने जांच के बाद पति को गिरफ्तार कर लिया है। मामला स्योहारा थाना क्षेत्र के ग्राम मेवानावादा का है, जहां सरपंच की संदिग्ध मौत ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी।
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UP Crime: पति के अफेयर से थीं बेहद परेशान
मृतका अपने गांव की निर्वाचित सरपंच थीं और परिवार की जिम्मेदारी निभाती थीं। परिजनों के अनुसार, पति इशरत अली के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसके कारण घर में लगातार कलह होती थी। सरपंच ने बार-बार पति को समझाया, मिन्नतें कीं और रिश्ता बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन पति ने अफेयर खत्म करने से इनकार कर दिया। इससे मानसिक रूप से टूटकर उन्होंने यह कदम उठा लिया।
UP Crime: परिजनों ने लगाया प्रताड़ना का आरोप
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि पति और कुछ अन्य लोगों ने उन्हें मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो गईं। परिजनों की शिकायत पर पहले पुलिस ने कार्रवाई में देरी की, लेकिन न्यायालय के आदेश पर 27 नवंबर को स्योहारा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) सहित अन्य धाराएं लगाई गईं।
UP Crime: पुलिस जांच और गिरफ्तारी
पुलिस ने घटना की गहन जांच की, जिसमें गवाहों के बयान, घटनास्थल का निरीक्षण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों का अध्ययन किया गया। जांच में अन्य आरोपियों की संलिप्तता नहीं मिली, लेकिन पति इशरत अली पुत्र दीन मोहम्मद की भूमिका संदिग्ध पाई गई। पुलिस ने 21 दिसंबर को इशरत अली को गिरफ्तार कर लिया और धारा 25 व 108 बीएनएस के तहत कार्रवाई की। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अग्रिम विधिक कार्यवाही जारी है और मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
UP Crime: गांव में मातम
घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। मृतका सरपंच के रूप में गांव के विकास कार्यों में सक्रिय थीं और लोगों में उनकी अच्छी छवि थी। परिजनों का कहना है कि वे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर घरेलू कलह और अवैध संबंधों के खतरनाक परिणामों पर चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में समय पर काउंसलिंग और परिवारिक सहायता जरूरी है, वरना मानसिक तनाव जानलेवा साबित हो सकता है।
समान घटनाओं की बढ़ती संख्या
उत्तर प्रदेश में हाल के महीनों में पति-पत्नी के बीच अवैध संबंधों या कलह के कारण आत्महत्या या हत्या के कई मामले सामने आए हैं। बिजनौर जिले में ही पहले भी कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां प्रेम प्रसंग ने परिवारों को तबाह कर दिया। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में शिकायत मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाती है, लेकिन परिवारिक स्तर पर समझौता और संवाद की कमी बड़ी समस्या है।
परिजनों की अपील
मृतका के परिवार ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कड़ी सजा की मांग की है। वे चाहते हैं कि दोषी को ऐसी सजा मिले जो दूसरों के लिए सबक बने। इस घटना ने महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है।
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