सूरजपुर – छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में गुरु घासीदास–तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से लगे घुई वन परिक्षेत्र के रेवटी जंगल में करंट की चपेट में आने से एक नर बाघ की मौत के मामले में वन विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। इस गंभीर घटना में ग्राम पंचायत परसडीहा की महिला सरपंच सिसका कुजूर समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 15 दिसंबर को रेवटी जंगल में बाघ का शव मिलने के बाद जांच शुरू की गई थी। घटनास्थल पर बाघ के नाखून और बाल गायब मिले, जिससे अवैध शिकार की आशंका और भी मजबूत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट लगने से बाघ की मौत की पुष्टि होने पर विशेष जांच टीम का गठन किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि सूरजपुर–बलरामपुर सीमा क्षेत्र में पहले भी जंगली सुअर के शिकार के लिए करंटयुक्त तार बिछाने की अवैध गतिविधियां होती रही हैं। इन्हीं गैरकानूनी तरीकों का शिकार इस बार देश का राष्ट्रीय पशु बाघ बन गया।
वन विभाग ने दो टूक कहा है कि राष्ट्रीय पशु बाघ की हत्या अत्यंत संगीन अपराध की श्रेणी में आती है। आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और प्रकरण की विस्तृत जांच आगे भी जारी रहेगी।
गिरफ्तार आरोपी:
- सिसका कुजूर (35) – सरपंच, ग्राम परसडीहा
- दिनेश कुजूर (31) – निवासी ग्राम भैंसामुंडा
- अभिषेक रोशन (25) – पिता बिरसू बड़ा
- मिथलेश सिंह (24) – पिता बिफन सिंह, निवासी ग्राम कैलाशपुर
- रामनाथ सिंह (25) – पिता जय सिंह
- भोला प्रसाद (46) – पिता पहलू राम
