Putin India Visit: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात में आर्थिक, ऊर्जा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक और सामरिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब वैश्विक परिदृश्य कई भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
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Putin India Visit: ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सहयोग पर जोर
सम्मेलन का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु ऊर्जा क्षेत्र रहा। दोनों नेताओं ने तेल, गैस और परमाणु ऊर्जा सहित ऊर्जा सुरक्षा के सभी क्षेत्रों में सहयोग को भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का मूल स्तंभ बताया।
दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि—
- तेल एवं तेल उत्पाद,
- पेट्रोकेमिकल प्रौद्योगिकी,
- तेल क्षेत्र सेवाएं,
- अपस्ट्रीम प्रौद्योगिकी,
- एलएनजी-एलपीजी अवसंरचना,
- भूमिगत कोयला गैसीकरण (UCG),
- और परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं
—में चल रही और भविष्य की निवेश परियोजनाओं की बाधाओं को शीघ्र दूर किया जाएगा। निवेशकों के सामने आने वाली दिक्कतें जल्द हल की जाएंगी।
Putin India Visit: परिवहन गलियारों और लॉजिस्टिक नेटवर्क को मजबूत करने पर सहमति
भारत और रूस ने कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख वैश्विक गलियारों—
- इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC)
- चेन्नई-व्लादिवोस्तोक (पूर्वी समुद्री) मार्ग
- नॉर्दर्न सी रूट (Northern Sea Route)
—को गति देने पर व्यापक चर्चा की।
दोनों पक्षों ने ध्रुवीय जलक्षेत्र (Arctic waters) में परिचालित जहाजों के विशेषज्ञ प्रशिक्षण पर हस्ताक्षरित एमओयू का स्वागत किया। रेलवे तकनीक और माल परिवहन सुधारों के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
Putin India Visit: रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक में निवेश को नई रफ्तार
रूस के सुदूर पूर्व (Far East) और आर्कटिक क्षेत्र में भारत के निवेश को मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने 2024-2029 के सहयोग कार्यक्रम को महत्वपूर्ण करार दिया। इस तहत कृषि, फार्मा, ऊर्जा, खनन, समुद्री परिवहन, जनशक्ति, हीरे और बुनियादी ढांचा विकास जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। आर्कटिक मुद्दों पर नियमित परामर्श और संयुक्त गतिविधियों को भी आगे बढ़ाने पर सहमति हुई। रूस ने मरमंस्क में आयोजित 6वें इंटरनेशनल आर्कटिक फोरम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भागीदारी की सराहना की।
Putin India Visit: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों पर साझेदारी का विस्तार
दोनों देशों ने स्वीकार किया कि उभरती प्रौद्योगिकियों—जैसे एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण—में सहयोग भविष्य के लिए निर्णायक होगा। महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) और दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earths) की खोज, प्रसंस्करण और रिसाइक्लिंग तकनीक में संयुक्त प्रयास बढ़ाए जाएंगे। दोनों पक्षों ने स्टार्ट-अप्स, MSMEs और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को सुगम बनाने, संयुक्त R&D कार्यक्रमों और नई तकनीकों को सामाजिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने पर सहमति जताई।
शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन में नई ऊर्जा
भारत और रूस ने स्वीकार किया कि जन-जन संपर्क (People-to-People Connect) दोनों देशों के रिश्तों की सबसे मजबूत कड़ी है।
उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों के बीच अकादमिक गतिशीलता, संयुक्त शोध परियोजनाओं, सेमिनारों और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन को बढ़ावा दिया जाएगा।
फिल्म उद्योग में सहयोग—संयुक्त फिल्म निर्माण, और फिल्म समारोहों में पारस्परिक भागीदारी—को बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
पर्यटन बढ़ाने के लिए दोनों देशों ने ई-वीजा सुविधा और वीजा प्रणाली को और सरल बनाने की दिशा में काम जारी रखने का निर्णय लिया।
रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा
सम्मेलन के अंत में दोनों देशों ने कहा कि भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी आर्थिक, तकनीकी, सांस्कृतिक और वैश्विक मुद्दों पर साझा समझ के आधार पर लगातार मजबूत होती जा रही है। यह वार्षिक शिखर सम्मेलन भविष्य के सहयोग का नया खाका प्रस्तुत करता है और बदलते विश्व में दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती प्रदान करता है।
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