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Tuesday, December 2, 2025
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राजस्थान में पाक जासूस गिरफ्तार, प्रकाश सिंह बादल ISI के लिए करता था जासूसी

CID Intelligence: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 27 नवंबर को श्रीगंगानगर के साधुवाली सैन्य क्षेत्र के पास प्रकाश सिंह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी।

CID Intelligence: राजस्थान पुलिस की CID Intelligence विंग ने 1 दिसंबर 2025 को एक अहम सुरक्षा सफलता दर्ज की है। पंजाब के फिरोजपुर जिले निवासी 34 वर्षीय व्यक्ति, जिसे प्रकाश सिंह उर्फ बादल के नाम से जाना जाता है, को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया संस्था ISI के लिए जासूसी कर रहा था। उसके पास से मिली डिजिटल और भौतिक साक्ष्यों के आधार पर उस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

CID Intelligence: कैसे पकड़ा गया आरोपी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 27 नवंबर को श्रीगंगानगर के साधुवाली सैन्य क्षेत्र के पास प्रकाश सिंह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी। बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तुरंत क्षेत्र की घेराबंदी कर उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान उसके फोन मिला, जिसमें पाकिस्तानी नंबरों से चैटिंग, फोटो-वीडियो साझा करने के सबूत थे।
उसके अनुरोध पर उसने दूसरों के मोबाइल नंबरों से OTP लेकर उनके नाम पर व्हाट्सएप अकाउंट बनवाए थे। फिर उन्हीं एकाउंट्स से ISI हैंडलर्स को संवेदनशील जानकारी भेजी जाती थी। ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक, यह जासूसी और अनुचित गतिविधियाँ लंबे समय से चली आ रही थीं।

CID Intelligence: सेना की हर मूवमेंट पर नजर, भेज रहा था फोटो-वीडियो

रिमांड के दौरान पूछताछ में पता चला कि प्रकाश सिंह ने राजस्थान, पंजाब और गुजरात में सेना की गतिविधियों, वाहनों की मूवमेंट, सीमा पर निर्माणाधीन पुल–सड़क–रेल लाइनों, सेना ठिकानों और अन्य संवेदनशील बुनियादी ढांचा की फोटो व वीडियो पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजी थी। इस तरह की जानकारी समय पर मिलने से पाकिस्तान को भारत की रणनीति व सुरक्षा व्यवस्था का लाभ मिल सकता था।

इतना ही नहीं, अवैध वॉट्सऐप एकाउंट्स बनाने, पहचान की साज़ी (OTP का दुरुपयोग) और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अन्य संवेदनशील डेटा साझा करने का काम करता पाया गया। इसके एवज में उसे पैसे भी मिल रहे थे।

CID Intelligence: गिरफ्तारी, केस और आगे की कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पहले श्रीगंगानगर के संयुक्त पूछताछ केंद्र में और बाद में जयपुर लाया गया। 1 दिसंबर को जयपुर के विशेष पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ Official Secrets Act, 1923 के तहत अपराध पंजीकृत किया गया। फिलहाल विभिन्न खुफिया एजेंसियों की टीम उसके नेटवर्क और उसके संपर्क सूत्रों की पड़ताल कर रही है, ताकि पता चले कि राजस्थान-पंजाब में और कितने लोग इस जासूसी रैकेट से जुड़े हैं।

पुलिस ने कहा है कि यह राजस्थान में अब तक हु‌ई चौथी जासूसी-संबंधित गिरफ्तारी है, जो उस समय का हिस्सा है जब सुरक्षा एजेंसियां Operation Sindoor के बाद सक्रिय हो गई थीं।

CID Intelligence: बड़ी सफलता, लेकिन खतरा अभी टला नहीं

विश्लेषकों के अनुसार, यह गिरफ्तारी भारत-पाक सीमा पर सक्रिय जासूसी संगीताओं और खुफिया नेटवर्क्स के लिए एक बड़ा झटका है। ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि साइबर व संचार माध्यमों के ज़रिए संवेदनशील जानकारियां लीक करना अभी भी जारी है। पुलिस अधिकारियों ने चेताया है कि अभी जाँच पूरी नहीं हुई है। डिजिटल डाटा, फोन कॉल्स, चैट रिकॉर्ड, फाइनेंस ट्रांजैक्शन्स आदि की जांच जारी है — मुमकिन है कि प्रकाश सिंह के अलावा और लोग भी इस रैकेट से जुड़े हों।

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