Parliament Winter Session: सोमवार, 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो रहे संसद शीतकालीन सत्र 2025 में शुरू से ही राजनीतिक तापमान चरम पर दिख रहा है। विपक्षी दलों ने सत्र को हंगामेदार बनाने की तैयारी कर ली है, जबकि सरकार अपनी विधायी एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए अब 14 अहम बिलों को पास कराने पर तख्तापलट कर चुकी है।
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Parliament Winter Session: दिल्ली ब्लास्ट और प्रदूषण का मुद्दा
विपक्षी दलों ने इस सत्र में सबसे प्रमुख मांग के रूप में Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया तथा उसके दौरान हुए BLO आत्महत्या मामलों पर चर्चा का आग्रह किया है। साथ ही, हालिया Delhi Blast 2025 और दिल्ली–एनसीआर में बढ़ती वायु प्रदूषण की स्थिति को भी सदन में उठाने की तैयारी है।
विपक्ष ने SIR और BLO आत्महत्या का मुद्दा
विपक्ष का कहना है कि SIR के नाम पर मतदाता नाम-पुस्तिका में बदलावों को लेकर व्यापक असंतोष है, और BLO आत्महत्या जैसे संवेदनशील मामलों पर संसद में खुलकर चर्चा होनी चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली ब्लास्ट देश की आंतरिक सुरक्षा व व्यवस्था पर गहरा सवाल है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। वहीं प्रदूषण, मौद्रिक अस्थिरता, किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी आदि सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों को भी विपक्ष की सूची में शामिल किया गया है।
Parliament Winter Session: केंद्र सरकार का एजेंडा: 14 विधेयक
वहीं सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि इस सत्र में कुल 14 प्रमुख विधेयक लाए जाएंगे, जिनमें दिवाला-बीमा, कॉर्पोरेट एवं सिक्योरिटीज मार्केट, राष्ट्रीय राजमार्ग, उच्च शिक्षा आयोग, एटॉमिक ऊर्जा, जीएसटी, राष्ट्रीय सुरक्षा सेस बोध आदि शामिल हैं।
सरकार का दावा है कि इन विधेयकों के माध्यम से आर्थिक सुधार, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा, बुनियादी ढांचे का विकास और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा। अनुदानों की अनुपूरक मांगों (supplementary demands) पर भी चर्चा होगी और बजट से संबंधित प्रस्ताव सदन में पेश होंगे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि संसदीय प्रक्रिया को बाधित करने की बजाय, सभी दल मिलकर कार्य करें ताकि जनहित के काम हो सकें। उन्होंने आशा जताई कि सांसद मर्यादा बनाए रखते हुए सहयोग करेंगे।
टकराव की संभावनाएं, SIR पर असहमति
लेकिन इस शीतकालीन सत्र को लेकर पहली सर्वदलीय बैठक के दौरान SIR मुद्दे पर सरकार और विपक्ष की तरफ से कोई स्पष्ट सुलह नहीं हो सकी। विपक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर SIR से जुड़ी समीक्षा नहीं हुई तो सदन की कार्यवाही बाधित करेगी।
विपक्ष का कहना है कि SIR प्रक्रिया मतदाताओं का अधिकार है और वोटर-लिस्ट में बदलावों को पैनल और खुली बहस के बगैर नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली ब्लास्ट व वायु प्रदूषण जैसे संवेदनशील मामलों को भी सरकार नजरअंदाज नहीं कर सकती।
Parliament Winter Session: विपक्ष की चेतावनी
दूसरी ओर, सरकार कह चुकी है कि वोटर-लिस्ट संशोधन चुनाव आयोग का रूटीन काम है और इसे अदालतों का फैसला मानकर किया जा रहा है, इसलिए संसद में बहस अनावश्यक है। इस बीच, यह साफ है कि 1 से 19 दिसंबर 2025 तक चलने वाले इस सत्र में राजनीतिक हंगामा, योजनाबद्ध बहस और विधायी आगे-पीछे — तीनों के बीच संतुलन मुश्किल से बना रहेगा।
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