Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भयानक कार विस्फोट मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इस बीच, उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित आईआईटी से दो कश्मीरी पीएचडी छात्रों के पिछले 15 दिनों से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। यूपी पुलिस, एटीएस और खुफिया इकाइयां आईआईटी कैंपस में डेरा डाले हुए हैं, जबकि राज्य सरकार ने शहर में रहने वाले करीब 150 कश्मीरी छात्रों पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई थी और 30 से अधिक घायल हुए थे।
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Delhi Blast: संदिग्ध लापता छात्र: 10 नवंबर के बाद गायब, अटकलें तेज
आईआईटी कानपुर के दो कश्मीरी छात्र, जो 2019 से पीएचडी कर रहे हैं, अचानक लापता हो गए हैं। एक छात्र 18 अक्टूबर से गायब है, जबकि दूसरा ठीक विस्फोट वाले दिन यानी 10 नवंबर से लापता है। संस्थान के अधिकारियों ने पुलिस पूछताछ में छात्रों के ठिकाने की कोई जानकारी न होने का दावा किया है, लेकिन यह खुलासा विस्फोट के ठीक बाद आया है, जिससे गंभीर अटकलें लग रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, छात्रों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई हैं और उनकी संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है।
एटीएस, यूपी पुलिस, स्थानीय खुफिया इकाई और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शनिवार को ही आईआईटी कैंपस पहुंच गईं। वे छात्रों के रिकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन, ईमेल और सोशल मीडिया एक्टिविटी की बारीकी से जांच कर रही हैं। कैंपस के लैब्स में विस्फोटक, इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्रोन कंट्रोल सिस्टम पर रिसर्च चल रही है, जिससे अनधिकृत एक्सेस की आशंका बढ़ गई है। आईआईटी डायरेक्टर प्रो. मनींद्र अग्रवाल ने कहा, “हम जानकारी जुटा रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं। छात्र फिलहाल अनुपस्थित हैं।”
Delhi Blast: कश्मीरी छात्रों पर निगरानी: 150 नामों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी
विस्फोट के बाद राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय ने कानपुर में रहने वाले लगभग 150 कश्मीरी छात्रों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। सत्यापन अभियान में दो छात्र लापता पाए गए—एक प्राइवेट संस्थान से, जिसने छुट्टी पर जाने की सूचना दी थी, और दूसरा आईआईटी से, जो बिना बताए गायब हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्लीपर सेल का बड़ा नेटवर्क हो सकता है, जिसमें डॉक्टर और शोधार्थी शामिल हैं।
Delhi Blast: विस्फोट जांच में नई गिरफ्तारियां: जेकेएसआईए ने पकड़ा संदिग्ध
दिल्ली विस्फोट की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को श्रीनगर के बटमालू से तुफैल नियाज भट्ट को हिरासत में लिया। भट्ट को पुलवामा इंडस्ट्रियल एस्टेट से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 17 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड निवासी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर से पकड़ा था। एनआईए के अनुसार, जसीर ने आतंकी हमले के लिए तकनीकी सहायता दी और वह डॉ. उमर उन नबी के साथ सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी था।
कार बम विस्फोट का खौफनाक मंजर: 15 मरे, 30 घायल
10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे लाल किले के गेट नंबर 1 के पास सुबाष मार्ग पर एक हुंडई i20 कार (हरियाणा नंबर HR26 CE 7674) में जोरदार धमाका हुआ। कार में 2-3 लोग सवार थे, जिसमें मुख्य संदिग्ध कश्मीरी डॉक्टर उमर नबी (फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत) शामिल माना जा रहा है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास की कई गाड़ियां जल गईं। मौतों की संख्या 15 हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हैं—जिनमें चार की हालत गंभीर है।
आतंकी घटना की एनआईए कर रही है जांच
घटना स्थल को सील कर दिया गया था। एनएसजी और फॉरेंसिक टीमों ने सबूत जुटाए। एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है। प्रारंभिक जांच में इसे ‘आतंकी घटना’ करार दिया गया। उमर नबी गिरफ्तारी से बच निकला, लेकिन उसके सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच से पता चला कि यह जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़ा मॉड्यूल था, जिसमें फरीदाबाद और कश्मीर के डॉक्टर शामिल थे। विदेशी हैंडलर्स के लिंक भी उजागर हो रहे हैं।
जांच का दायरा बढ़ा: हमास-शैली के अटैक प्लान का खुलासा
एनआईए ने 70 से अधिक गवाहों से पूछताछ की है। विस्फोट ‘अकाली’ था, क्योंकि पुलिस छापों से दबाव में संदिग्ध ने जल्दबाजी की। लाल किला मेट्रो स्टेशन को सुरक्षा कारणों से कई दिनों तक बंद रखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दोषियों को सजा मिलेगी।” यूके और यूएस ने यात्रा सलाह जारी की।
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