Road Accident: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में रात के सन्नाटे को चीरती तेज रफ्तार ने एक बार फिर मानवीय त्रासदी को जन्म दे दिया। नेशनल हाईवे-30 पर फरसगांव के मसौरा टोल प्लाजा के पास बीती रात एक स्कॉर्पियो महिंद्रा खड़े ट्रक से जोरदार टक्कर मारकर पूरी तरह चूर-चूर हो गई। हादसे में वाहन में सवार 5 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार को विपदा में झोंक गया, बल्कि पूरे क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी।
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Road Accident: रात के अंधेरे में मौत की दौड़
रात करीब 11 बजे का समय था, जब कोंडागांव शहर से अपने पैतृक गांव बड़ा डोंगर (भैंसाबेड़ा) लौट रहे 12 युवक स्कॉर्पियो में सवार होकर नेशनल हाईवे-30 पर दौड़ रहे थे। ड्राइवर की लापरवाही और अंधाधुंध स्पीड ने सब कुछ तबाह कर दिया। अचानक सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से स्कॉर्पियो की सीधी टक्कर हो गई। धातु की चीखें और चिंगारियां उड़ने लगीं। वाहन की हालत ऐसी हो गई कि उसे देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि इसमें कोई जिंदा बच भी सकता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसा इतना भयानक था कि आसपास के ग्रामीण दौड़ते हुए पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। राहत कार्य में जुटी स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों ने घायलों को बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत की। पांच युवकों की सांसें थम चुकी थीं, जबकि दो अन्य की हालत नाजुक देखते ही उन्हें जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। शेष चार यात्रियों को मामूली चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
Road Accident: मृतकों के नाम, एक गांव का पूरा परिवार सन्नाटे में
मौत के साये में चले गए युवकों की पहचान बड़ा डोंगर और भैंसाबेड़ा के निवासी के रूप में हुई है। मृतकों में लखन मंडावी (25 वर्ष), भूपेंद्र मंडावी (22 वर्ष), रूपेश मंडावी (20 वर्ष), नूतन मांझी (24 वर्ष), और शत्रुघ्न मांझी (28 वर्ष) शामिल हैं। ये सभी फरसगांव क्षेत्र के ही निवासी थे और कोंडागांव में रोजगार के सिलसिले में आए हुए थे। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। लखन का दो माह का बेटा और भूपेंद्र की मां की हालत देखकर कोई भी भावुक हो जाए। गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, जहां ये युवक परिवार का सहारा थे।
Road Accident: पुलिस की तत्परता, जांच में जुटी टीमें
कोंडागांव सिटी कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि हादसा स्पष्ट रूप से तेज रफ्तार और लापरवाही का नतीजा है। “ट्रक सड़क किनारे पार्क था, लेकिन स्कॉर्पियो चालक ने ब्रेक लगाने की कोशिश भी नहीं की। हम वाहन की स्पीड और ड्राइवर की स्थिति की फॉरेंसिक जांच करा रहे हैं। सैंपल लिए जा चुके हैं,” उन्होंने कहा। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है। हादसे के बाद एनएच-30 पर कुछ देर के लिए यातायात बाधित रहा, जिसे जल्द ही बहाल कर दिया गया।
Road Accident: कोंडागांव में बढ़ती मुसीबत
यह हादसा कोंडागांव जिले में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को उजागर करता है। नेशनल हाईवे-30 पर घुमावदार रास्ते, अंधेरा और वाहनों की तेज स्पीड ने इसे यहां मौत का सौदागर बना दिया है। जिले में इस साल अब तक 150 से अधिक हादसे हो चुके हैं, जिनमें 80 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रोड सेफ्टी कैंपेन, स्पीड ब्रेकर और बेहतर लाइटिंग की कमी ही इन हादसों का मूल कारण है। राज्य सरकार की ‘सुरक्षित सड़क’ योजना के तहत कोंडागांव में भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अमल की जरूरत है।
Road Accident: परिवारों का दर्द, लगाई न्याय की गुहार
मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक परिजन ने रोते हुए कहा, ‘ये हमारे लाल थे, जो परिवार चलाने के लिए शहर गए थे। अब कौन संभालेगा?’ एनजीओ और स्थानीय संगठन पीड़ित परिवारों के लिए राहत कोष जुटाने में जुटे हैं। यह हादसा न सिर्फ एक गांव की कहानी है, बल्कि पूरे देश में सड़क सुरक्षा की अनदेखी का आईना है।
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