Kedarnath Dham: हिमालय की गोद में बसे पवित्र श्री केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह ठीक 8:30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी चल-विग्रह उत्सव डोली भक्तिमय वातावरण, वेदमंत्रों, गढ़वाल स्काउट्स बैंड की मधुर धुनों और हर-हर महादेव के जयघोष के बीच शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई। चार धाम यात्रा के तीन प्रमुख धाम (गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ) अब आधिकारिक रूप से शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। केवल बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे, जिसके साथ ही चार धाम यात्रा 2025 का औपचारिक समापन होगा। इस वर्ष 30 अप्रैल से अब तक रिकॉर्ड 45 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धामों के दर्शन कर चुके हैं।
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Kedarnath Dham: रात्रि दर्शन से समाधि पूजा तक
बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने भक्तों की सुविधा के लिए कपाट बंद होने से पहले विशेष व्यवस्था की थी। मंगलवार मध्यरात्रि 12 बजे से सुबह 4 बजे तक श्रद्धालुओं को अंतिम दर्शन की अनुमति दी गई। इसके बाद सुबह 5 बजे से 6 बजे तक समाधि पूजा का पावन अनुष्ठान संपन्न हुआ। परंपरा के अनुसार, भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को पवित्र भस्म, सूखे मेवे, अनाज, फल-फूल, रुद्राक्ष माला और सफेद वस्त्र से ढका गया। इसके बाद आंतरिक गर्भगृह के कपाट सुबह 6 बजे बंद किए गए। अंत में, मुख्य पूर्वी द्वार को ठीक 8:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद किया गया। मंदिर परिसर को हजारों फूलों से सजाया गया था, जो दर्शनीय था।
Kedarnath Dham: मुख्यमंत्री धामी ने की पूजा-अर्चना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट बंद होने से एक दिन पहले हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने यात्रा की सफलता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। धामी ने कहा, “केदारनाथ यात्रा इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ रही है। हमने यात्रियों की सुविधा के लिए हरसंभव इंतजाम किए हैं। शीतकाल में भी उखीमठ में बाबा केदार की पूजा निरंतर जारी रहेगी।”
Kedarnath Dham: डोली यात्रा का क्रम: रामपुर से उखीमठ तक
कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी उत्सव डोली ने अपनी पारंपरिक यात्रा शुरू की:
23 अक्टूबर (गुरुवार): प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि विश्राम।
24 अक्टूबर (शुक्रवार): विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम।
25 अक्टूबर (शनिवार): डोली ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ पहुंचेगी।
उखीमठ में अगले छह माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना होगी। यहां शीतकालीन पूजा विधि के तहत रोजाना पंचकेदारों की विशेष आरती और भोग लगेगा। अगले वर्ष अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई 2026) पर कपाट पुनः खुलेंगे।
Kedarnath Dham: चार धाम यात्रा 2025: रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े
इस वर्ष चार धाम यात्रा ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए:
धाम | दर्शन करने वाले श्रद्धालु (लगभग) |
---|---|
केदारनाथ | 22 लाख+ |
बद्रीनाथ | 18 लाख+ |
गंगोत्री | 3.5 लाख+ |
यमुनोत्री | 2 लाख+ |
कुल | 45 लाख+ |
बीकेटीसी के अनुसार, 30 अप्रैल से 23 अक्टूबर तक यह आंकड़ा है। बद्रीनाथ के कपाट बंद होने तक यह संख्या 50 लाख पार कर सकती है। यात्रा मार्ग पर हेली सेवा, मेडिकल कैंप, पेयजल, शौचालय और सुरक्षा की उन्नत व्यवस्था रही।
Kedarnath Dham: शीतकाल में भी जारी रहेगी भक्ति
केदारनाथ के कपाट बंद होने का मतलब भक्ति का अंत नहीं है। उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होगी। श्रद्धालु यहां बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा, पंचकेदार यात्रा (केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मद्महेश्वर, कल्पेश्वर) के अन्य धामों में भी शीतकालीन पूजा जारी रहेगी।
चुनौतियां और सुधार
इस वर्ष यात्रा के दौरान मौसम की मार, ट्रैफिक जाम और स्वास्थ्य समस्याएं भी सामने आईं। सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, वेदर अलर्ट सिस्टम और इमरजेंसी हेली सेवा को और मजबूत करने का वादा किया है। बीकेटीसी ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद करने और डिजिटल पास को अनिवार्य करने की योजना बनाई है।
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