Road Accident: राजस्थान के जैसलमेर जिले में 14 अक्टूबर को दोपहर करीब 3:30 बजे जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थईयात गांव के पास एक निजी एसी स्लीपर बस में अचानक भयंकर आग लग गई। इस हादसे ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। बस में सवार 35 यात्रियों में से 22 की मौत हो गई, जबकि 13 गंभीर रूप से घायल हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में 57 यात्रियों का जिक्र था, जो संभवतः अतिरिक्त स्टाफ या गलत अनुमान पर आधारित था। आग इतनी तेजी से फैली कि बस पूरी तरह जल गई, और कई यात्री बाहर कूदते हुए झुलस गए। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने घटना की विस्तृत जानकारी दी, जबकि पुलिस ने बस चालक और मालिक को गिरफ्तार कर विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मुआवजे की घोषणा कर पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई है।
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Road Accident: मौतों की शिनाख्त और डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया
जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि हादसे में कुल 19 शव बरामद हुए, जिनमें से 18 की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें से 17 शवों का पोस्टमार्टम पूरा कर परिजनों को सौंप दिया गया है। शेष एक शव के परिजन जोधपुर पहुंच गए हैं, जिन्हें जल्द सुपुर्द किया जाएगा। एक शव की पहचान अभी बाकी है, जिसके लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। अग्रवाल ने कहा, अहमदाबाद विमान हादसे की तरह यहां भी डीएनए से शिनाख्त होगी। प्रशासन ने अपील की है कि अगर किसी का परिवार सदस्य बस में था और ट्रेस नहीं हुआ, तो हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि हम 24 घंटे सक्रिय हैं, कोई लापता नहीं छूटेगा। बरामद 19 शवों में से 18 के डीएनए नमूने लिए गए हैं और पुष्टि बाकी है।
Road Accident: घायलों की हालत और इलाज की व्यवस्था
कलेक्टर के अनुसार, 16 घायल जोधपुर पहुंचे थे। इनमें से एक रास्ते में, दूसरा इलाज के दौरान और तीसरा सुबह दम तोड़ चुका है, जिससे कुल मौतें 22 हो गईं। अब 13 घायलों का महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में इलाज चल रहा है। विशेष टीम तैनात है, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी और बर्न यूनिट के एक्सपर्ट शामिल हैं। घायलों में महिपाल सिंह (रामदेवरा), युनुस (बंबरो की ढाणी), ओमाराम (लाठी) आदि हैं। ज्यादातर 70 प्रतिशत तक झुलसे हैं, लेकिन हालत स्थिर हो रही है। मथुरादास माथुर अस्पताल में बैकअप टीम तैयार है। प्रशासन घायलों को हर संभव मदद दे रहा है और डॉक्टर दिन-रात ड्यूटी पर हैं।
Road Accident: बस चालक और मालिक गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने गुरुवार को बस चालक शौकत और मालिक तुराब अली को गिरफ्तार किया। दोनों को बुधवार रात हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि दो शिकायतें दर्ज हुईं – मृतक राजेंद्र सिंह चौहान के भाई चंदन सिंह और गोपीलाल दर्जी के भाई जगदीश द्वारा। इन पर आईपीसी धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू हुई। प्रारंभिक जांच में लापरवाही के संकेत मिले, जैसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी।
SIT का गठन और जांच के प्रमुख पहलू
घटना की गहराई से जांच के लिए SIT बनाई गई है। जैसलमेर एएसपी कैलाशदान जुगतावत के नेतृत्व में टीम में डिप्टी रूप सिंह इंदा, नाचना एसएचओ बूटाराम, सदर एसएचओ सुरजाराम और एएसआई राजेंद्र कुमार शामिल हैं। SIT दुर्घटना के कारण, तकनीकी खराबी, चालक की भूमिका और आपराधिक लापरवाही की जांच करेगी। आग लगने के समय बस की गति, स्थिति और सुरक्षा अनुपालन का आकलन होगा। एसपी शिवहरे ने कहा, रिपोर्ट में समय लगेगा। बस चित्तौड़गढ़ में बनी थी, वहां से डिटेल्स जुटा रहे हैं। जांच में पीड़ित बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्य शामिल होंगे। निष्कर्ष तय करेंगे कि हादसा मानवीय भूल था या यांत्रिक फॉल्ट। कानूनी कार्रवाई SIT की रिपोर्ट पर आधारित होगी।
मुआवजा घोषणा और सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा घोषित किया। तीन या ज्यादा मौतों वाले परिवारों को 25 लाख रुपये, एक या दो मौतों पर प्रति व्यक्ति 10 लाख, गंभीर घायलों को 2 लाख और मामूली घायलों को 1 लाख रुपये मिलेंगे। शर्मा ने कहा कि सरकार दोषियों को सजा दिलाएगी और सुरक्षा मानकों को सख्त करेगी।
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