Bihar Election: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार की अंतिम मतदाता सूची (फाइनल इलेक्टोरल रोल) जारी कर दी है, जिसमें राज्य में कुल 7 करोड़ 42 लाख मतदाता दर्ज हैं। यह सूची 2025 विधानसभा चुनावों के लिए तैयार की गई है और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद अंतिम रूप ले चुकी है। पिछले साल (1 जून 2024 तक) की सूची में 7.89 करोड़ मतदाता थे, जबकि 1 अगस्त 2025 को जारी ड्राफ्ट सूची में 7.24 करोड़ नाम थे। SIR अभियान के दौरान 47 लाख नाम कटे, जिसमें मृतक, दोहरी प्रविष्टियां और अयोग्य मतदाता शामिल हैं। यह बदलाव राज्य के निर्वाचन तंत्र को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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Bihar Election: SIR प्रक्रिया: 22 साल बाद बड़ा अभियान
बिहार में SIR पहली बार 22 साल बाद चलाया गया, जो मतदाता सूची को आधारभूत स्तर पर शुद्ध करने का एक व्यापक प्रयास था। इस प्रक्रिया में 38 जिलों के सभी निर्वाचन अधिकारियों, 243 निर्वाचन निबंधक अधिकारियों (ERO), 2,976 सहायक अधिकारियों (AERO) और लगभग 1 लाख बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) ने भाग लिया। लाखों स्वयंसेवकों के साथ-साथ 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष और 1.6 लाख बूथ स्तर एजेंट (BLA) भी सक्रिय रहे। SIR के दौरान बूथ-स्तरीय सत्यापन अभियान चलाया गया, जिसमें 20 जुलाई 2025 तक सभी मतदाता सूचियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की गईं। मृतक या स्थायी रूप से बाहर चले गए मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची में ही हटा दिए गए। चुनाव आयोग के आदर्श वाक्य कोई भी पात्र मतदाता न छूटे के अनुरूप यह अभियान संविधान के अनुच्छेद 326 का पालन करता है।
Bihar Election: फाइनल सूची में बदलाव: जोड़े और कटे नाम
ड्राफ्ट सूची की तुलना में फाइनल रोल में 3.66 लाख नाम अयोग्य साबित होने के कारण हटाए गए, जबकि 21.53 लाख नए मतदाताओं ने फॉर्म 6 भरकर अपना नाम दर्ज कराया। कुल मिलाकर, पिछले वर्ष की तुलना में 47 लाख नामों में कमी आई है, जो SIR की सफलता का संकेत है। पटना जिले में यह बदलाव सबसे स्पष्ट दिखा, जहां 14 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 48.15 लाख मतदाता हैं—ड्राफ्ट के मुकाबले 1.63 लाख अधिक। यहां महिला मतदाताओं की संख्या 22.75 लाख है, और दिघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 4.56 लाख मतदाता दर्ज हैं। राज्य स्तर पर भी महिलाओं और युवाओं के नामों में वृद्धि देखी गई, जो समावेशी लोकतंत्र को मजबूत करेगी।
Bihar Election: नाम जांच और अपील का विकल्प
मतदाता अपना नाम जांचने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर जाकर EPIC नंबर या मोबाइल नंबर से सत्यापन कर सकते हैं। ड्राफ्ट में नाम न होने वालों के लिए DEO/DM और CEO कार्यालयों में सूचियां प्रदर्शित की गई हैं। यदि कोई योग्य मतदाता अभी भी नाम जोड़ना चाहता है, तो फॉर्म 6 भरकर आवेदन कर सकता है, बशर्ते यह चुनाव नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले जमा हो। ERO के फैसले से असंतुष्ट होने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत पहली अपील जिला मजिस्ट्रेट को और दूसरी अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को की जा सकती है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी वास्तविक मतदाता को बाहर नहीं किया जाएगा।
Bihar Election: आगामी चुनावों पर प्रभाव
यह फाइनल सूची 2025 बिहार विधानसभा चुनावों की आधारशिला बनेगी, जहां 243 सीटों पर मुकाबला होगा। 47 लाख नाम कटने से मतदान प्रतिशत में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि डुप्लिकेट और फर्जी प्रविष्टियां कम हुई हैं। राजनीतिक दल इसे अपनी रणनीति के लिए उपयोग करेंगे, खासकर युवा और महिला मतदाताओं को लक्षित करने में। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में नाम कटने को लेकर स्थानीय स्तर पर शिकायतें आई हैं, लेकिन आयोग ने इन्हें हल करने के लिए हेल्पलाइन और कैंप आयोजित करने का आश्वासन दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि SIR से चुनावी प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और कुशल बनेगी, जिससे बिहार का लोकतांत्रिक ढांचा मजबूत होगा।
पारदर्शिता की नई मिसाल
बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट न केवल आंकड़ों का संग्रह है, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। SIR जैसी पहलों से चुनाव आयोग ने साबित किया कि तकनीक और जनभागीदारी से मतदाता सूची को आदर्श बनाया जा सकता है। अब सभी की नजरें 2025 चुनावों पर हैं, जहां ये 7.42 करोड़ मतदाता इतिहास रचेंगे। सरकार और आयोग को अब नाम जोड़ने के आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि कोई पात्र वोटर वंचित न रहे।
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