Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के घने तियारपानी जंगलों में रविवार को माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच चली मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर श्रवण मड़कम उर्फ विश्वनाथ उर्फ बुधराम पुनेम समेत तीन नक्सलियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के संयुक्त अभियान का हिस्सा थी, जो माओवादी गतिविधियों पर लगाम कसने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई। मृतकों पर कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिसमें श्रवण पर अकेले 8 लाख का इनाम था।
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Naxalite Encounter: खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ अभियान, धमतरी-ओडिशा सीमा पर मुठभेड़
कांकेर पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला ने मंगलवार को श्रवण की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि संयुक्त टीम ने कांकेर के मध्य वन क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधि की खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया था। मुठभेड़ धमतरी-ओडिशा सीमा के निकट कांकेर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत छिंदखरक गांव के पास पहाड़ी वन क्षेत्र में हुई। एलिसेला ने कहा, यह अभियान रविवार सुबह शुरू हुआ और अभी भी जारी है। सुरक्षा बल घने जंगल में तलाशी अभियान चला रहे हैं।
Naxalite Encounter: तीनों पर था 14 लाख का इनाम
श्रवण सीतानदी-रावस समन्वय क्षेत्र समिति का सचिव था, जो माओवादी संगठन का एक प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। उसके साथ नागरी एरिया कमेटी/गोबरा एलओएस के कमांडर राजेश उर्फ राकेश हेमला (5 लाख का इनाम) और मैनपुर-नुआपाड़ा समन्वय संरक्षण दल की सदस्य बसंती कुंजाम उर्फ हिडमें पीएम (1 लाख का इनाम) भी मारे गए। इन तीनों पर कुल 14 लाख का इनाम था। एलिसेला ने कहा कि मृतकों में एक महिला कैडर भी शामिल है।
Naxalite Encounter: हथियारों का जखीरा बरामद, मुठभेड़ स्थल से तीन शव मिले
मुठभेड़ के बाद चलाए गए तलाशी अभियान में दो पुरुष और एक महिला माओवादी के शव बरामद हुए। साथ ही एक एसएलआर, एक 303 राइफल, एक 12 बोर राइफल और अन्य माओवादी सामग्री सहित हथियारों का जखीरा जब्त किया गया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर मृतकों की पहचान श्रवण मड़कम, राजेश हेमला और बसंती कुंजाम के रूप में की है। एलिसेला ने कहा, ये हथियार माओवादियों की युद्ध क्षमता को दर्शाते हैं, लेकिन हमारी रणनीति ने उन्हें निष्प्रभावी कर दिया।
इस साल अब तक बस्तर में 223 नक्सली ढेर
यह घटना छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सक्रिय माओवादी गुटों के लिए बड़ा झटका है। अधिकारियों का मानना है कि श्रवण जैसे शीर्ष कमांडर की मौत से सीतानदी-रावस क्षेत्र में माओवादी समन्वय बिगड़ जाएगा। कांकेर जिला, जो बस्तर डिवीजन का हिस्सा है, लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है। इस साल अब तक बस्तर में 223 नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है, जबकि गारीबंद में 27। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में 252 नक्सली ढेर हो चुके हैं।
माओवाद के खिलाफ सतत अभियान, शांति बहाली की प्रतिबद्धता
एलिसेला ने माओवादी कैडरों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं। उन्होंने कहा, माओवाद विलुप्ति के कगार पर है। सरकारी पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस ने आसपास के जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। इलाके की पूरी तलाशी सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।
यह मुठभेड़ केंद्र सरकार की ‘नक्सल मुक्त भारत’ अभियान की सफलता का प्रतीक है। हाल ही में नारायणपुर में दो अन्य केंद्रीय समिति सदस्यों को मार गिराया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवादी प्रभाव को समाप्त करने और प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। विकास कार्यों को गति देने के लिए सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण तेज किया जा रहा है, ताकि स्थानीय आदिवासी समुदाय मुख्यधारा से जुड़ सकें।
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