CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन, 4 सितंबर 2025 को विकास और वीरता के सम्मान को समर्पित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया। दिन की शुरुआत गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में कोको कोला फैक्ट्री से जुड़ी करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ हुई। इसके बाद, गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (जीआरडी) में आयोजित भव्य समारोह में उन्होंने गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण और एक अत्याधुनिक संग्रहालय निर्माण का शिलान्यास किया। इस 45 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्देश्य गोरखा सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करना तथा भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करना है।
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CM Yogi: गोरखा युद्ध स्मारक और संग्रहालय
गोरखा रिक्रूटिंग डिपो में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संग्रहालय का भूमिपूजन किया और परिसर में स्थित मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में गोरखा रेजीमेंट की वीरता को दर्शाने वाली एक लघु फिल्म दिखाई गई, जिसमें जवानों की शौर्यगाथाएं जीवंत रूप में प्रस्तुत की गईं। गोरखा जवानों ने अपनी परंपराओं को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जो दर्शकों के लिए मंत्रमुग्ध करने वाले थे। सीएम योगी ने शहीद गोरखा सैनिकों के परिवारों की वीर महिलाओं को भी सम्मानित किया।
CM Yogi: सीएम योगी का संबोधन, वीरता और विरासत का सम्मान
अपने संबोधन में सीएम योगी ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों का उल्लेख किया, जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो मर गए मातृभूमि के लिए बिना किसी कीमत के मोल, कलम आज उनकी जय बोल। उन्होंने गोरखा सैनिकों की वीरता को देश की गौरवशाली विरासत का हिस्सा बताते हुए कहा, जय महाकाली, जय गोरखाली के उद्घोष के साथ जब गोरखा सैनिक शत्रु पर टूट पड़ते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाता है। उन्होंने 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि गोरखा सैनिकों की वीरता के सामने ब्रिटिश सेना को संधि करनी पड़ी। स्वतंत्र भारत में भी गोरखा सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों पर दुश्मनों को परास्त किया।
संग्रहालय की विशेषताएं और महत्व
45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह संग्रहालय गोरखा रेजीमेंट के 200 साल पुराने शौर्यपूर्ण इतिहास को प्रदर्शित करेगा। इसमें 7डी थिएटर, ध्वनि-प्रकाश शो, भित्ति चित्र, और वीडियो वृत्तचित्र जैसे आधुनिक माध्यमों से गोरखा सैनिकों की कहानियां जीवंत की जाएंगी। संग्रहालय में पुराने यूनिफॉर्म, हथियार, और युद्ध कला के परिवर्तनों को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो युवा पीढ़ी को इतिहास से प्रेरणा लेने का अवसर देगा। यह स्मारक सैन्य-नागरिक एकीकरण का प्रतीक बनेगा और भारत-नेपाल के संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा।
CM Yogi: महायोगी गुरु गोरखनाथ की परंपरा
सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर और मां काली की पूजा की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शिव और शक्ति के समन्वय का प्रतीक है। यह समन्वय गोरखा सैनिकों को मृत्यु से निर्भय होकर लड़ने की शक्ति देता है। उन्होंने कहा कि यह 100 वर्ष पुराना स्मारक अब भव्य रूप लेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
सरकार की पहल और सीडीएस की सराहना
मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह गोरखा रेजीमेंट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। जनरल चौहान ने इस परियोजना को दूरदर्शी और गोरखा सैनिकों की विरासत के प्रति सम्मान का प्रतीक बताया। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश सरकार की पहलों का भी जिक्र किया, जिसमें पुलिस बल में स्मारकों का निर्माण, शहीदों के परिवारों को 50 लाख रुपये की सहायता, नौकरी, और स्मारकों का नामकरण शामिल है। उन्होंने अग्निवीर योजना के तहत लौटने वाले जवानों के लिए पुलिस में 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा को भी दोहराया।
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