Bandipora Encounter: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस ऑपरेशन, जिसे ‘नौशहरा नार IV’ नाम दिया गया, में दो आतंकवादी मारे गए। श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। नौशहरा नार्द के पास संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद सतर्क सैनिकों ने घुसपैठियों को चुनौती दी, जिसके जवाब में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सेना ने प्रभावी जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य घुसपैठिया मौजूद न हो।
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Bandipora Encounter: हाल के दिनों में लगातार घुसपैठ की कोशिशें
यह घटना हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की लगातार कोशिशों का हिस्सा है। इससे पहले, 25 अगस्त 2025 को बारामूला के उरी सेक्टर में तोरणा इलाके में संयुक्त बलों ने एक अन्य घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया था। सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और घुसपैठियों को चुनौती दी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कुछ देर तक गोलीबारी हुई। इस ऑपरेशन के बाद व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोई आतंकवादी भारतीय सीमा में प्रवेश न कर पाए। इसके अलावा, 13 अगस्त 2025 को उरी सेक्टर में एक मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था, जब आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इन घटनाओं से साफ है कि आतंकवादी लगातार सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना और पुलिस की सतर्कता के कारण उन्हें बार-बार नाकामी का सामना करना पड़ रहा है।
Bandipora Encounter: आतंकवाद के खिलाफ व्यापक रणनीति
जम्मू-कश्मीर में संयुक्त बलों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं। इन अभियानों का उद्देश्य न केवल हथियारबंद आतंकवादियों को खत्म करना है, बल्कि पूरे आतंकी तंत्र को ध्वस्त करना भी है। इसमें आतंकियों के सहयोगियों (ओवरग्राउंड वर्कर्स) और समर्थकों को निशाना बनाना शामिल है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा नियमित रूप से सुरक्षा समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, जिनमें आतंकवाद के पूरे ढांचे को तोड़ने पर जोर दिया जा रहा है। खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने कई हवाला रैकेट और ड्रग तस्करी के नेटवर्क को पकड़ा है, जिनके तार सीमा पार बैठे आतंकी सरगनाओं से जुड़े थे। इन गतिविधियों को आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
Bandipora Encounter: हवाला और ड्रग तस्करी पर कड़ा प्रहार
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हवाला धन रैकेट और ड्रग तस्करी से प्राप्त धन का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया जाता है। इसीलिए संयुक्त बल इन गतिविधियों को प्राथमिकता के साथ निशाना बना रहे हैं। हाल के महीनों में कई हवाला नेटवर्क और ड्रग तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है। इन नेटवर्कों के तार सीधे पाकिस्तान और अन्य सीमा पार आतंकी संगठनों से जुड़े थे। सुरक्षा बलों ने न केवल हथियारबंद आतंकवादियों को निशाना बनाया, बल्कि उनके वित्तीय और लॉजिस्टिक समर्थन को भी कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित किया है। यह रणनीति आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
सुरक्षा बलों की सतर्कता और भविष्य की चुनौतियां
गुरेज और उरी जैसे क्षेत्रों में बार-बार होने वाली घुसपैठ की कोशिशें यह दर्शाती हैं कि सीमा पार से आतंकी गतिविधियां अभी भी एक बड़ी चुनौती हैं। खास तौर पर गर्मियों के मौसम में, जब हिमालय की बर्फ पिघलती है, घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं। भारतीय सेना ने इस चुनौती से निपटने के लिए अपनी रणनीति को मजबूत किया है, जिसमें गर्मियों के दौरान घुसपैठ के रास्तों पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा, संयुक्त बलों की खुफिया जानकारी और त्वरित प्रतिक्रिया ने आतंकवादियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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