19.1 C
New Delhi
Thursday, December 4, 2025
Homeछत्तीसगढ़बीजापुर में 22 गांवों के किसानों का आरोप - वन विभाग रोक...

बीजापुर में 22 गांवों के किसानों का आरोप – वन विभाग रोक रहा खेती, जब्त हो रहे हल-ट्रैक्टर

Chhattisgarh: बीजापुर जिले में 22 गांवों के किसानों ने वन विभाग पर खेती करने से रोकने का आरोप लगाया है। किसानों ने जनदर्शन कार्यक्रम में विधायक विक्रम मंडावी से की।

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तारालागुड़ा इलाके की चार पंचायतों के 22 गांवों के सैकड़ों किसानों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि उनकी पैतृक और पट्टे की जमीन पर खेती करने से वन विभाग के कर्मचारी रोक रहे हैं। इतना ही नहीं, खेत जोतने आए किसानों के हल और ट्रैक्टर तक जब्त किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

Chhattisgarh: जनदर्शन में विधायक से गुहार

सोमवार को सैकड़ों ग्रामीण विधायक विक्रम मंडावी के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे और अपनी पीड़ा खुलकर रखी। उन्होंने बताया कि कई पीढ़ियों से जिस जमीन पर वे खेती करते आ रहे हैं, अब उसी पर वन विभाग उन्हें फसल बोने से रोक रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन उनकी पैतृक है या उन्हें पट्टे के रूप में मिली है, लेकिन विभाग के कुछ कर्मचारी जानबूझकर बदले की भावना से कार्रवाई कर रहे हैं।

Chhattisgarh: बिट गार्ड के रवैये से नाराजगी

ग्रामीणों ने विशेष रूप से वन विभाग के बिट गार्ड चलपत गोटा पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि गोटा किसानों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं और ट्रैक्टर व हल जब्त कर खेती पर रोक लगाते हैं। किसानों का आरोप है कि इस तरह की कार्रवाई से उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।

Chhattisgarh: विधायक मंडावी का सख्त रुख

विधायक विक्रम मंडावी ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि गरीब आदिवासियों को उनकी पैतृक जमीन से बेदखल करना पूरी तरह गलत है। उन्होंने अधिकारियों से मांग की कि ग्रामीणों की जमीन का जल्द सीमांकन किया जाए और यदि वह जमीन काबिज भूमि है, तो किसानों को वन अधिकार पट्टा दिया जाए। साथ ही, उन्होंने बिट गार्ड को हटाने और किसानों को परेशान करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

प्रशासन से लिखित शिकायत

ग्रामीणों ने इस मामले में कलेक्टर और डीएफओ को भी लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में उन्होंने जमीन पर खेती का अधिकार बहाल करने और वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न रोकने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

जनदर्शन कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, जिलाध्यक्ष लालू राठौर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियाम, बसंत राव ताटी, सरपंच और सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने किसानों की मांग का समर्थन किया और मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की।

ग्रामीणों की पीड़ा

ग्रामीणों का कहना है कि खेती ही उनका मुख्य आजीविका स्रोत है। अगर उन्हें पैतृक या पट्टे की जमीन पर खेती से रोका गया, तो उनका परिवार भूखमरी का शिकार हो जाएगा। हम पीढ़ियों से इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं, लेकिन अब हमें अपराधी की तरह ट्रीट किया जा रहा है, एक किसान ने दुख व्यक्त किया।

विधानसभा में उठाएंगे मामला

विधायक मंडावी ने आश्वासन दिया कि वे मामले को विधानसभा में उठाएंगे और जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आदिवासियों और किसानों के हक की रक्षा करना है, और किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को मनमानी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

यह भी पढ़ें:-

बिहार चुनाव से पहले छह नेताओं की सुरक्षा बढ़ी, सम्राट चौधरी को Z+ और तेजस्वी यादव को Z श्रेणी की सुरक्षा


RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
19.1 ° C
19.1 °
19.1 °
45 %
3.6kmh
40 %
Thu
23 °
Fri
24 °
Sat
25 °
Sun
26 °
Mon
27 °

Most Popular