Income Tax Bill 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच इनकम टैक्स बिल, 2025 का संशोधित संस्करण पेश किया। यह नया ड्राफ्ट भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए तैयार किया गया है, जिसमें कुल 285 सुझाव शामिल किए गए हैं।
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Income Tax Bill 2025: पुराना बिल वापस, नया संशोधित संस्करण पेश
सीतारमण ने सदन में बताया कि पहले पेश किए गए इनकम टैक्स बिल को भ्रम से बचाने के लिए वापस ले लिया गया था। नए ड्राफ्ट में ड्राफ्टिंग के नेचर, वाक्यांशों के अलाइनमेंट, क्रॉस रेफरेंसिंग और परिणामी परिवर्तनों को सुधारा गया है, ताकि विधेयक स्पष्ट, सटीक और आसानी से समझ में आने वाला हो।
Income Tax Bill 2025: कर प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता पर फोकस
वित्त मंत्री ने कहा, रिवाइज्ड बिल निष्पक्षता और स्पष्टता में सुधार करेगा और कानून को मौजूदा प्रावधानों के अनुरूप बनाएगा। नए बिल का उद्देश्य सांसदों और करदाताओं को एक सिंगल, अपडेटेड वर्जन प्रदान करना है, जिसमें सभी सुझाए गए संशोधन शामिल हों, ताकि आयकर प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बन सके।
Income Tax Bill 2025: संसदीय समिति की प्रमुख सिफारिशें शामिल
संसदीय चयन समिति के अध्यक्ष बैजयंत पांडा ने कहा कि यह नया कानून भारत के दशकों पुराने कर ढांचे को सरल बनाएगा, कानूनी जटिलताओं को कम करेगा और व्यक्तिगत करदाताओं तथा एमएसएमई को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा।
वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में 4,000 से अधिक संशोधन हो चुके हैं और इसमें 5 लाख से ज्यादा शब्द हैं, जिससे यह अत्यधिक जटिल हो गया है। नया बिल इसे लगभग 50% तक सरल करता है, ताकि आम करदाता आसानी से इसे पढ़ और समझ सके। ड्राफ्टिंग एरर को हटाया गया है और अस्पष्ट प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है।
स्लैब और दरों में बड़े बदलाव
सरकार के मुताबिक, रिवाइज्ड बिल में कर स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं, जिससे खासकर मिडल क्लास को राहत मिलेगी। कर में कमी से लोगों के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम बचेगी। इससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश में वृद्धि होने की संभावना है। कर अनुपालन को आसान बनाने और विवादों को कम करने के लिए प्रक्रियाएं सरल की गई हैं।
1961 के कानून की जगह लेगा नया बिल
पुराना इनकम टैक्स एक्ट 1961, जो अब तक भारत की आयकर व्यवस्था का आधार रहा है, को नए बिल से बदलने की योजना है। इसे 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन व्यापक संशोधनों की आवश्यकता के चलते सरकार ने इसे पिछले सप्ताह औपचारिक रूप से वापस ले लिया था।
करदाताओं के लिए संभावित फायदे
विशेषज्ञों के अनुसार, नया इनकम टैक्स बिल करदाताओं के लिए कई फायदे लेकर आएगा:
- सरल भाषा और ढांचा – ताकि आम नागरिक भी समझ सके।
- स्पष्ट नियम – जिससे कर विवाद कम होंगे।
- मध्यम वर्ग पर कर बोझ में कमी – उपभोग और निवेश को बढ़ावा।
- एमएसएमई के लिए राहत – छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए अनुपालन आसान।
नए इनकम टैक्स बिल, 2025 को अब संसद में चर्चा और बहस के बाद पारित किया जाएगा। यदि यह कानून बन जाता है, तो भारत की आयकर प्रणाली में दशकों बाद सबसे बड़ा सुधार लागू होगा।
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