Umar Ansari: उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गिरफ्तार कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह गिरफ्तारी लखनऊ के दारुलशफा इलाके में स्थित विधायक निवास से की गई, जहां उमर अपने बड़े भाई और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी के आवास पर मौजूद थे। गाजीपुर पुलिस ने उमर को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए गाजीपुर ले जाया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के गंभीर आरोप हैं, जो गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज एक मामले से जुड़े हैं।
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Umar Ansari: जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों का आरोप
गाजीपुर पुलिस की प्रेस रिलीज के अनुसार, उमर अंसारी पर अपने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त संपत्ति को अवमुक्त कराने के लिए फर्जी दस्तावेज और अपनी मां अफशा अंसारी के जाली हस्ताक्षर का उपयोग करने का आरोप है। यह संपत्ति यूपी गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत जब्त की गई थी। उमर ने कथित तौर पर गाजीपुर जिला अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी मां, जिन पर 50,000 रुपये का इनाम और लुकआउट नोटिस जारी है, के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। पुलिस ने इस मामले में धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), और 340(2) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में एक व्यापारी की शिकायत के आधार पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठगी का मामला सामने आया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
Umar Ansari: पुलिस की गोपनीय कार्रवाई और पूछताछ
गाजीपुर पुलिस ने उमर की लोकेशन ट्रेस कर लखनऊ में अचानक छापेमारी की और रविवार देर रात उन्हें हिरासत में लिया। यह कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि आसपास के सुरक्षा कर्मियों और निवास कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। पुलिस ने उमर को तुरंत गाजीपुर ले जाया, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। सूत्रों का दावा है कि इस पूछताछ से कुछ नए और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। गाजीपुर पुलिस ने घोषणा की है कि सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की विस्तृत जानकारी और साक्ष्य सार्वजनिक किए जाएंगे।
अंसारी परिवार पर बढ़ता कानूनी शिकंजा
मुख्तार अंसारी का नाम उत्तर प्रदेश की आपराधिक और राजनीतिक दुनिया में दशकों से चर्चा में रहा है। पूर्व विधायक और कुख्यात माफिया सरगना रहे मुख्तार के खिलाफ हत्या, अपहरण, जबरन वसूली और गैंगस्टर एक्ट जैसे कई मामले दर्ज थे। उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग और शस्त्र अधिनियम के मामलों में जेल में हैं। अब उमर की गिरफ्तारी ने अंसारी परिवार पर कानूनी शिकंजे को और सख्त कर दिया है। यह कार्रवाई राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
मुख्तार की मौत और जहर के आरोप
मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद परिवार ने जेल प्रशासन पर ‘धीमा जहर’ देने का गंभीर आरोप लगाया था। मुख्तार के भाई और गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने भी इस दावे को दोहराया था। मुख्तार ने मृत्यु से पहले बाराबंकी कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर कहा था कि उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया जा रहा है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
उमर अंसारी की गिरफ्तारी ने न केवल अंसारी परिवार बल्कि उत्तर प्रदेश की आपराधिक और राजनीतिक गतिविधियों पर भी गहरा प्रभाव डाला है। गाजीपुर पुलिस की इस कार्रवाई को माफिया और अपराधी तत्वों के खिलाफ सख्त रुख के रूप में देखा जा रहा है। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और लोग इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि उमर से पूछताछ के बाद क्या नए तथ्य सामने आते हैं।
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