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Wednesday, September 17, 2025
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RBI ने दी बड़ी राहत! सस्ता हुआ लोन, 20-30 और 50 लाख की EMI में कितनी कटौती? समझें कैलकुलेशन

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक ने मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत घटा दिया है। ये अब 5.5 प्रतिशत पर आ गई है।

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देशवासियों को एक बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। यह फैसला आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद लिया गया, जिससे रेपो रेट अब घटकर 5.5 प्रतिशत हो गया है। मानसून से ठीक पहले आया यह निर्णय न केवल आम आदमी की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि देश की आर्थिक विकास दर को भी मजबूती देने का काम करेगा।

RBI: लगातार तीसरी बार घटा रेपो रेट

साल 2025 की शुरुआत से ही आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की जा रही है। फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा बैठकों में भी रेपो रेट में क्रमशः 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी की गई थी, जिसके बाद यह 6.5 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत पर आ गया था। अब एक और कटौती के बाद यह 5.5 प्रतिशत के स्तर पर आ चुका है, जो पिछले कुछ वर्षों में सबसे निचला स्तर है।

RBI: क्यों लिया गया ये फैसला?

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रेस वार्ता में बताया कि देश में खुदरा महंगाई लगातार 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। साथ ही देश की जीडीपी ग्रोथ दर स्थिर बनी हुई है और राजनीतिक वातावरण भी स्थिर है। इन सकारात्मक संकेतकों को देखते हुए मौद्रिक नीति में नरमी लाने का यह सबसे उपयुक्त समय था।

मल्होत्रा ने यह भी कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत का ध्यान अब घरेलू खपत और निवेश पर केंद्रित है। ऐसे में रेपो रेट में कटौती से बैंकों के लिए फंडिंग सस्ती होगी और उपभोक्ताओं के लिए ऋण सस्ता होने से बाजार में मांग बढ़ेगी।

RBI: ग्रोथ और महंगाई के अनुमान

आरबीआई ने 2025–26 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं खुदरा महंगाई (CPI Inflation) का अनुमान घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है। इन आंकड़ों से साफ है कि केंद्रीय बैंक का भरोसा देश की आर्थिक मजबूती पर बना हुआ है।

आम आदमी को मिलेगी राहत

रेपो रेट में कटौती का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है। बैंक, जो आरबीआई से उधारी लेते हैं, अब उन्हें कम ब्याज देना होगा। इसके चलते बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते दरों पर लोन मुहैया कराएंगे। नतीजतन होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में गिरावट आएगी।

उदाहरण के तौर पर:

50 लाख के लोन पर:

ब्याज दर 9% से घटकर 8.5% होने पर, 30 वर्षों की अवधि में मंथली ईएमआई ₹40,231 से घटकर ₹38,446 हो जाएगी। यानी हर महीने ₹1,785 की बचत।

30 लाख के लोन पर:

20 वर्षों की अवधि के लिए 8.5% से घटकर 8% ब्याज दर पर, ईएमआई ₹26,035 से घटकर ₹25,093 हो जाएगी। यानी ₹942 की बचत।

25 लाख के लोन पर:

8.5% से घटकर 8% होने पर, 20 साल की अवधि में ईएमआई ₹21,696 से घटकर ₹20,911 हो जाएगी। यानी ₹785 कम भुगतान।

20 लाख के लोन पर:

9% से घटाकर 8.5% करने पर, ईएमआई ₹17,995 से घटकर ₹17,356 हो जाएगी। इससे हर महीने ₹639 की राहत मिलेगी।

क्या होगा आगे?

विशेषज्ञ मानते हैं कि रेपो रेट में यह कटौती निवेश को बढ़ावा देने, खपत को प्रोत्साहित करने और बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए जरूरी कदम है। हालांकि, आरबीआई ने यह भी संकेत दिया है कि आगे की नीतियों में वह स्थिति के अनुसार संतुलन बनाए रखेगा।

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