RCB Victory Parade: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 47 लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत कई नेताओं ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। साथ ही बेंगलुरु शहरी ज़िले के डीसी जी. जगदीश को मजिस्ट्रेट जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
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RCB Victory Parade: हादसे के लिए ये 5 बड़े कारण
लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि ऐसा भयावह हादसा आखिर कैसे हुआ? और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच हादसे के पीछे 5 प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं, जिन पर सरकार और प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है।
RCB Victory Parade: भीड़ का पूर्वानुमान नहीं लगाना – प्रशासन की पहली चूक
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वयं स्वीकार किया है कि स्टेडियम के बाहर लगभग 3 लाख लोग एकत्र हो गए थे, जबकि स्टेडियम की अधिकतम क्षमता केवल 35 हजार है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को इतनी भीड़ जुटने का पूर्वानुमान नहीं था? क्या सोशल मीडिया, टिकट बुकिंग या स्थानीय इंटेलिजेंस से कोई इनपुट नहीं मिला? यह प्रशासनिक विफलता इस त्रासदी का पहला कारण मानी जा रही है।
क्राउड मैनेजमेंट में नाकामी – पुलिस ने हालात बिगाड़े?
पुलिस द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया, जिससे भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक हुए लाठीचार्ज से भीड़ बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। इससे स्थिति और खराब हो गई। आपातकालीन सेवाएं भी समय पर घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकीं, जिससे कई घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया।
आयोजन का समय और सुरक्षा व्यवस्था – जल्दबाजी में लिया गया फैसला
आरसीबी के विजय जुलूस को लेकर पहले सुरक्षा कारणों से स्थगन की घोषणा की गई थी। फिर अचानक कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी गई, जिससे हजारों की संख्या में प्रशंसक स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार ने स्थगन के बाद भीड़ प्रबंधन की तैयारी नहीं की थी, तो यह एक बड़ी लापरवाही मानी जाएगी।
नेतृत्व और जिम्मेदारी – सरकार पर उठ रहे सवाल
विपक्षी दलों, विशेषकर बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस हादसे की सीधी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर डाली है। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए जल्दबाजी में यह आयोजन कराया और इसके लिए न पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए, न ही आपातकालीन प्रबंधन की कोई तैयारी थी। ऐसे में नेतृत्व की विफलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
RCB Victory Parade: आयोजक कौन? – जिम्मेदारी को लेकर भ्रम
इस पूरे आयोजन की मेज़बानी कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने की थी। लेकिन कार्यक्रम की अनुमति सरकार ने दी और सुरक्षा का जिम्मा पुलिस पर था। ऐसे में जब हादसा हुआ तो आयोजक, सरकार और पुलिस – तीनों के बीच जिम्मेदारी तय नहीं हो पा रही। इस अस्पष्टता ने आपदा प्रबंधन को और अधिक कमजोर बना दिया।
सरकार की कार्रवाई – मजिस्ट्रेट जांच का आदेश
राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जी. जगदीश को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। रिपोर्ट सौंपने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
बेंगलुरु में हुआ यह हादसा सिर्फ एक कार्यक्रम की विफलता नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा योजना और जिम्मेदारी तय करने में प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। अब देखना होगा कि मजिस्ट्रेट जांच में कौन जिम्मेदार ठहरता है और क्या पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाता है। साथ ही, यह घटना देश भर में ऐसे आयोजनों के लिए एक चेतावनी बनकर सामने आई है कि जश्न मनाना जरूरी है, मगर सुरक्षा सबसे पहले।
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