Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता की खबर सामने आई है। जिले में लंबे समय से सक्रिय कुल 24 माओवादियों ने पुलिस और प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इनमें 20 हार्डकोर नक्सली हैं, जिन पर कुल 87.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण न केवल पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।
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Naxalite Surrender: बीजापुर और सुकमा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे सक्रिय
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई ऊंचे पदों पर रह चुके माओवादी शामिल हैं। इनमें पीएलजीए कंपनी नंबर-2 के डिप्टी कमांडर, माड़ डिवीजन कंपनी नंबर-7 के पीपीसीएम, एलओएस कमांडर, सीएनएम अध्यक्ष, केएमएस अध्यक्ष, और केकेबीएन डिवीजन पार्टी के सदस्य शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से बीजापुर, सुकमा और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं।
Naxalite Surrender: आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर डाले हथियार
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इन माओवादियों ने शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हथियार डाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे विकास कार्य, जैसे कि सड़कों का निर्माण, बिजली और पानी की व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच ने नक्सलियों को हिंसा छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।
Naxalite Surrender: माओवादी संगठन से ऐसे हुआ मोहभंग
एसपी यादव ने यह भी बताया कि नक्सली संगठन के भीतर उत्पन्न आंतरिक कलह, भेदभाव और अनुचित व्यवहार की वजह से भी माओवादी संगठन से मोहभंग हो रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले कई माओवादियों ने बताया कि वे संगठन के नेताओं की दमनकारी नीतियों और आंतरिक भेदभाव से परेशान हो चुके थे और अब सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
संयुक्त रणनीति और प्रयासों की अहम भूमिका
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के उप पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार, कोबरा और CRPF बटालियन के कमांडेंट्स, एएसपी (ऑपरेशन), जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर और STF के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अभियान में डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, केरिपु और कोबरा बलों की संयुक्त रणनीति और प्रयासों की अहम भूमिका रही है।
सभी माओवादियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत इन सभी माओवादियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही, उन्हें पुनर्वास, रोजगार के अवसर, शिक्षा और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन शुरू कर सकें।
जनवरी से अब तक कुल 227 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
आंकड़ों के अनुसार, बीजापुर जिले में 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 227 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 237 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं और 119 माओवादी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए हैं। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि सरकार की नीति और सुरक्षा बलों की रणनीति नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में प्रभावी साबित हो रही है।
पुलिस ने अन्य माओवादियों से की ये अपील
एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने अन्य माओवादियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग छोड़कर सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में लौटें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जो लोग बाहरी विचारधाराओं से प्रभावित होकर बंदूक उठाए थे, वे शांति और विकास के साथ जीवन की नई शुरुआत करें।
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