Rajasthan Politics: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मदन राठौड़ को एक बार फिर प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया है। सात महीनों के भीतर यह दूसरा मौका है जब उन्हें पार्टी की कमान सौंपी गई है। शुक्रवार को हुए चुनाव में उनके खिलाफ किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा, जिससे उनका चयन पहले से ही तय माना जा रहा था। भाजपा के चुनाव प्रभारी और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने औपचारिक रूप से उनके नाम की घोषणा की। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
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राजे बोलीं- एकजुट, नो गुट, एक मुख
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मदन राठौड़ के फिर से प्रदेशाध्यक्ष बनने पर बधाई दी और पार्टी में एकता पर जोर देते हुए ‘एकजुट, नो गुट, एक मुख’ का नारा दिया। उन्होंने कहा, “आज सर्वसम्मति से मदन राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष चुना गया है। उनका राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन हम तब भी उनके साथ थे और आज भी उनके साथ खड़े हैं। पार्टी उस व्यक्ति को हमेशा सम्मान देती है जो उसके साथ चलता है।” उन्होंने मदन राठौड़ को सलाह दी कि वे अपनी टीम का चयन सोच-समझकर करें, जो पार्टी को एकजुट रख सके। उन्होंने भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह बिना किसी कूटनीति के खुलकर अपनी बात रखते हैं और संगठन में अनुशासन बनाए रखने में उनकी भूमिका अहम है।
मदन राठौड़ का कार्यकर्ताओं को संदेश
प्रदेशाध्यक्ष पद संभालने के बाद मदन राठौड़ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, यह हमारी सरकार है और हमें इसे मजबूत बनाना है। अगर किसी को कोई कमी नजर आती है तो पार्टी नेतृत्व तक अनुशासन के दायरे में रहते हुए अपनी बात पहुंचाएं। बाहर बोलते समय याद रखें कि हमारी जिम्मेदारी है कि सरकार की छवि मजबूत बनी रहे। राठौड़ के नेतृत्व में भाजपा ने हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके चलते पार्टी हाईकमान ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ उनका बेहतर तालमेल पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।
राधा मोहन दास अग्रवाल का बड़ा बयान
भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि भले ही राजस्थान में भाजपा की सरकार है, लेकिन संगठन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने बताया कि तीन नेताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन वे बिना पर्चा भरे ही लौट गए। यह संगठन में अनुशासन और एकता को दर्शाता है। अग्रवाल ने कहा, “हमें गुजरात भाजपा से प्रेरणा लेनी चाहिए जहां पार्टी पिछले 27 वर्षों से सत्ता में बनी हुई है। राजस्थान में भी हमें ऐसी ही मजबूत स्थिति कायम करनी है। संगठन की मजबूती के बिना सत्ता की निरंतरता संभव नहीं है।”
चुने गए 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्य
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए राजस्थान से 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्य चुने गए हैं। इनमें प्रमुख नाम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, सतीश पूनिया, सीपी जोशी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिल हैं। अन्य सदस्यों में ओंकार सिंह लखावत, नारायण लाल पंचारिया, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, अलका गुर्जर, प्रभुलाल सैनी, अनीता भदेल, रमेश यादव, जसवंत सिंह गुर्जर, कनकमल कटारा, रामकिशोर मीणा, अजय पाल सिंह, निर्मल कुमावत, प्रसनजीत मेहता, प्रताप लाल और ओमप्रकाश शामिल हैं।