Gyanesh Kumar: भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति कर दी गई है। कानून मंत्रालय ने सोमवार देर रात इस संबंध में अधिसूचना जारी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने दिल्ली में बैठक कर यह निर्णय लिया। यह नियुक्ति वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद प्रभावी होगी।
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हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी बने चुनाव आयुक्त
चुनाव आयोग में एक अन्य महत्वपूर्ण नियुक्ति के तहत हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त बनाया गया है। इससे पहले वह रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। चुनाव आयोग में उनके साथ सुखबीर सिंह संधू भी चुनाव आयुक्त के रूप में बने रहेंगे।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार एक अनुभवी प्रशासक हैं। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों में काम किया है, जिनमें संसदीय कार्य मंत्रालय, सहकारिता मंत्रालय और गृह मंत्रालय शामिल हैं। गृह मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने अनुच्छेद 370 को अप्रभावी करने और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।
शिक्षा:
- आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक
- आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र
प्रशासनिक अनुभव:
- गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी
- एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर
- केरल राज्य सहकारी बैंक के एमडी
चुनाव आयोग में उनकी भूमिका
ज्ञानेश कुमार ने 15 मार्च 2024 को चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। अब मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। उनके नेतृत्व में भारत में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (2024) और 2025 में बंगाल, असम व तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे।
राहुल गांधी ने की नियुक्ति का विरोध
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई है और इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को डिसेंट नोट दिया है। उन्होंने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा— अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर बैठक थी। इसमें मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को डिसेंट (असहमति) नोट दिया था। इसमें लिखा था— मूलभूत बात यह है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होता।
राहुल गांधी की आपत्ति का कारण
राहुल गांधी और कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि कार्यपालिका (सरकार) को इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभानी चाहिए ताकि चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला
कांग्रेस ने यह भी तर्क दिया कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में सरकार को तब तक कोई फैसला नहीं लेना चाहिए था जब तक अदालत इस पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश न दे। सरकार का कहना है कि चयन समिति में विपक्ष के नेता की भागीदारी पहले से ही सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, संविधान और मौजूदा कानूनों के अनुसार ही यह नियुक्ति की गई है।
कांग्रेस नेता ने ज्ञानेश कुमार को बताया ‘कव्वालीवाला’
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अतुल लोंढे ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘कव्वालीवाला’ कहा। उन्होंने कहा, पहले शेर-ओ-शायरी वाला गया और अब कव्वालीवाला आ गया। चुनाव आयोग सरकार के हिसाब से ही काम करता रहेगा। उनका इशारा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की तरफ था, जो अक्सर अपने भाषणों में शेर-ओ-शायरी का इस्तेमाल करते थे।
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