12.1 C
New Delhi
Monday, November 17, 2025
HomeराजनीतिCongress ने 11 प्रदेशों में प्रभारी बदले: नए प्रभारी के लिए आसान...

Congress ने 11 प्रदेशों में प्रभारी बदले: नए प्रभारी के लिए आसान नहीं की राह, कई चुनौतियों से निपटना होगा

Congress: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठनात्मक फेरबदल करते हुए नए महासचिवों और कई राज्यों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की है।

Congress: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए 11 प्रदेशों के लिए नए प्रभारी नियुक्त किए हैं। इस बदलाव में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन को महासचिव बनाया गया है। बघेल को पंजाब और नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।

कांग्रेस संगठन में यह बदलाव आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया गया है। बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए नए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। बिहार में मोहन प्रकाश की जगह कृष्णा अल्लावरु को नया प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह, महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का प्रभार सौंपा गया है।

बिहार में आसान नहीं राह

कृष्णा अल्लावरु के सामने बिहार में कई बड़ी चुनौतियां होंगी। कांग्रेस बिहार में अपनी खोई जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पार्टी कमजोर होती गई है। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 27 सीटें जीती थीं, लेकिन 2020 में यह संख्या घटकर 19 रह गई।

सीट बंटवारे को लेकर उभर सकते हैं मतभेद

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, और कांग्रेस फिलहाल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा है। सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच मतभेद उभर सकते हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार राजद कांग्रेस को इतनी सीटें देने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में कृष्णा अल्लावरु को राजद प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव से तालमेल बैठाने की चुनौती होगी।

संगठनात्मक मजबूती की जरूरत

बिहार कांग्रेस लंबे समय से अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है। पार्टी कार्यकर्ता नेतृत्व की निष्क्रियता से हताश हैं और प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार जरूरी हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अब तक प्रदेश कमेटी की घोषणा नहीं कर पाए हैं, जिससे संगठनात्मक ढांचे में कमजोरी स्पष्ट दिखती है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, बिहार में कांग्रेस को दोबारा मजबूत करने के लिए सिर्फ प्रभारी बदलने से कुछ नहीं होगा। संगठन में व्यापक सुधार की जरूरत है। जब तक कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं बढ़ेगा, तब तक चुनावी प्रदर्शन में सुधार नहीं हो सकता।

अन्य राज्यों में भी चुनौतियां

हरियाणा में बी.के. हरिप्रसाद को नया प्रभारी बनाया गया है, जहां कांग्रेस भाजपा और जेजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। मध्य प्रदेश में हरीश चौधरी को जिम्मेदारी दी गई है, जिन्हें राज्य में कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म कर संगठन को मजबूत करना होगा।

तेलंगाना में मीनाक्षी नटराजन को नया प्रभारी नियुक्त किया गया है, जिन्हें हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कारणों की समीक्षा करनी होगी। ओडिशा में अजय कुमार लल्लू को प्रभारी बनाया गया है, जहां पार्टी को बीजू जनता दल (बीजेडी) और भाजपा के मुकाबले खुद को खड़ा करना होगा।

पुराने प्रभारियों की छुट्टी

इस फेरबदल में दीपक बबेरिया (हरियाणा), मोहन प्रकाश (बिहार), भरत सिंह सोलंकी (जम्मू-कश्मीर), राजीव शुक्ला (हिमाचल प्रदेश), देवेंद्र यादव (पंजाब) और अजय कुमार (ओडिशा) को उनके पदों से हटा दिया गया है।

पार्टी के सामने होगी कई चुनौतियां

कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव किए हैं, लेकिन नए प्रभारियों के लिए राह आसान नहीं होगी। विशेष रूप से बिहार में कृष्णा अल्लावरु को महागठबंधन में संतुलन बनाने, पार्टी संगठन को पुनर्जीवित करने और कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतने की चुनौती होगी। यदि कांग्रेस इन चुनौतियों से पार नहीं पाती है, तो आगामी चुनावों में पार्टी के लिए राह और कठिन हो सकती है।

यह भी पढ़ें:-

PM Modi US Visit: पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की ऐतिहासिक मुलाकात, रक्षा-व्यापार और आतंकवाद पर 10 बड़े ऐलान

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
mist
12.1 ° C
12.1 °
12.1 °
76 %
1.5kmh
0 %
Mon
27 °
Tue
27 °
Wed
27 °
Thu
28 °
Fri
28 °

Most Popular