Naxal Encounter: बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए, जबकि दो जवान शहीद हो गए हैं। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा के पास स्थित नेशनल पार्क इलाके के सैंड्रा क्षेत्र में हुई। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों का सर्च अभियान अब भी जारी है, ताकि अन्य नक्सलियों को पकड़ा जा सके। सुरक्षा बलों द्वारा जारी इस ऑपरेशन से न केवल नक्सलियों की गतिविधियों पर काबू पाने की उम्मीद है, बल्कि इस क्षेत्र में स्थिरता लाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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133 नक्सलियों को मार गिराया, दो जवान शहीद
सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ पंचायत चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा थी। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने भारी गोलाबारी का सामना किया, जिसमें नक्सलियों के 21 सदस्य मारे गए हैं। इसके अलावा, दो जवान भी इस मुठभेड़ में शहीद हुए हैं। मुठभेड़ के बाद घायल जवानों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए जगदलपुर से एमआई-17 हेलीकॉप्टर भेजा गया है।
सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम का ऑपरेशन जारी
जवानों की घायल स्थिति को देखते हुए कई अन्य नक्सलियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन फिलहाल मुठभेड़ की सही लोकेशन का पता नहीं चल पाया है। सुरक्षाबलों की बीजापुर डीआरजी, एसटीएफ और अन्य दलों की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन जारी रखा है।
लगातार हो रही है फायरिंग
नेशनल पार्क के सैंड्रा क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सुरक्षा बलों की कई टीमें इस ऑपरेशन में शामिल हैं, और लगातार फायरिंग हो रही है। जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल पर भारी गोलाबारी की जा रही है, और मुठभेड़ की सटीक लोकेशन की पहचान अभी नहीं हो पाई है। मई तक के पंचायत चुनावों से पहले यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए अहम है।
पिछले महीनों में मुठभेड़ और कार्रवाई
यह मुठभेड़ बीजापुर में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए कई ऑपरेशनों का हिस्सा है। 1 फरवरी को भी बीजापुर में सुरक्षाबलों ने एक और मुठभेड़ में आठ नक्सलियों को मार गिराया था, और मुठभेड़ स्थल से कई हथियारों को बरामद किया था, जिसमें इंसास राइफल और बीजीएल लॉन्चर शामिल थे।
बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी
सुरक्षाबलों के सूत्रों के मुताबिक, बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी रहेगा। 31 जनवरी को बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने एक बड़े ऑपरेशन में 14 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से आठ नक्सली ऐसे थे, जिनके ऊपर 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नक्सलियों की गिरफ्तारी और चुनौती
बीजापुर में सुरक्षाबलों के द्वारा लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशनों में बड़ी संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई है। इन गिरफ्तारियों से नक्सलियों के प्रभावी नेटवर्क को नुकसान हुआ है, लेकिन सुरक्षा बलों के लिए चुनौती यह है कि नक्सलियों के सफाए के लिए अभी लंबी लड़ाई लड़नी होगी। अभी तक सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाइयों में नक्सलियों के कई प्रमुख सदस्य पकड़े गए हैं, लेकिन नक्सलवादी गतिविधियां फिर भी जारी हैं। बीजापुर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं, और इन अभियानों के दौरान और भी गिरफ्तारियां और मुठभेड़े होने की संभावना जताई जा रही है।
नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई
छत्तीसगढ़, विशेष रूप से बीजापुर और जशपुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की लड़ाई बेहद कठिन है। मुठभेड़ों और सुरक्षा बलों के अभियानों के बावजूद नक्सली यहां अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव से पहले नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का यह अभियान और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
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