Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिसमें दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्पष्ट किया है कि यूसीसी को जल्द ही उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। उनका कहना है कि यह कदम राज्य में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया जाएगा। वहीं, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताई है और इसे एक राजनीतिक एजेंडा बनाने का आरोप लगाया है। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर दोनों पार्टियों के बीच वाद-विवाद जारी है और राज्य की राजनीति में यह मुद्दा अहम बनता जा रहा है।
Table of Contents
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष ने कहा- जल्द लागू होगा यूसीसी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के लिए नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही नियमावली पूरी होगी, इसे राज्य में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि जो लोग यूसीसी का विरोध कर रहे हैं, वही लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह स्थिति सरकार के हक में है और UCC के लागू होने से समानता और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।
कांग्रेस ने देरी पर उठाए सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “भाजपा के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आज बहुत ही अटपटा बयान दिया है। राज्य के लोगों को यूसीसी के नाम पर क्यों बेवकूफ बनाया जा रहा है?” गरिमा मेहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा यूसीसी को राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रही है, जबकि इस मुद्दे से लोगों की असल समस्याएं और जरूरतें नजरअंदाज हो रही हैं। कांग्रेस ने यूसीसी के मुद्दे पर भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे राज्य के लोगों को गुमराह करने का प्रयास बताया।
कांग्रेस बोली, धामी सरकार यूसीसी को लागू क्यों नहीं कर पाई?
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने महेंद्र भट्ट के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “राज्य के स्थापना दिवस पर धामी सरकार ने वादा किया था कि उत्तराखंड की जनता को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की सौगात दी जाएगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि धामी सरकार यूसीसी को लागू क्यों नहीं कर पाई?” उन्होंने यह भी कहा कि महेंद्र भट्ट ने जब इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उनका कहना था कि यूसीसी की नियमावली बन रही है, इसलिए इसे तय समय पर लागू नहीं किया जा सका। गरिमा ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए बहाने बना रही है और जनता को गुमराह कर रही है।
महेंद्र भट्ट के बयान पर यूं कसा तंज
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने महेंद्र भट्ट के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “महेंद्र भट्ट उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन उन्हें यूसीसी का अपडेट नहीं पता है। उन्होंने कहा कि नियमावली तैयार हो रही है, लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि 15 दिन से अधिक वक्त बीत चुका है और नियमावली समिति को यह पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप चुकी है।” गरिमा ने यह सवाल उठाया कि यदि भाजपा इतनी गंभीर होती तो यूसीसी को लागू करने में इतनी देरी क्यों हो रही है, और इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा इस मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है।
यह भी पढ़ें-