Bandipora Encounter: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया। यह मुठभेड़ केटसुन जंगल में हुई, जहां सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के बाद मारे गए आतंकवादी की पहचान की जाएगी, और इलाके में अभी भी ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरती है।
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पुलिस और 26 असम राइफल्स का संयुक्त अभियान
पुलिस और 26 असम राइफल्स की संयुक्त टीम बांदीपोरा में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान का हिस्सा हैं। सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई इलाके में सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही है। मुठभेड़ के बाद इलाके की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है। फिलहाल ऑपरेशन जारी है, जिससे आतंकवादियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
आतंकियों का साथ देने वाला गिरफ्तार, हथियार जब्त
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा क्षेत्र में पुलिस ने एक आतंकवादी सहयोगी आशिक हुसैन वानी को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक पिस्तौल, एक मैगजीन और सात जिंदा राउंड बरामद किए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर नंबर 200/2024 के तहत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है। इस गिरफ्तारी से सुरक्षा बलों को आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है।
आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि
जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के गठन के बाद से आतंकवादियों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि शांतिपूर्ण चुनावों में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के संचालकों को हताश कर दिया है। इस हताशा के परिणामस्वरूप, आतंकवादी संगठन अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं, जिससे सुरक्षा बलों के लिए चुनौती उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए, सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए अपने अभियानों को तेज कर दिया है।
बीते दिनों लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर को किया था ढेर
2 नवंबर को पुराने श्रीनगर के खानयार इलाके में एक दिन भर चली मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर, पाकिस्तान के उस्मान भाई उर्फ़ छोटा वलीद, की पहचान हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच तीव्र संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दो स्थानीय पुलिसकर्मी और दो सीआरपीएफ जवान घायल हो गए। इस प्रकार की घटनाएं जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना रही हैं, जहां आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के साथ सुरक्षा बलों की चुनौती भी बढ़ रही है।
गंदेरबल में एक डॉक्टर सहित छह श्रमिकों कीक हुई थी हत्या
पिछले महीने गंदेरबल जिले के गगनगीर इलाके में आतंकवादियों ने एक बुनियादी ढांचा परियोजना से जुड़े छह श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी थी। ये श्रमिक श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क को हर मौसम में खुला रखने और क्षेत्र में आर्थिक विकास के लिए गगनगीर से सोनमर्ग तक एक सुरंग का निर्माण कर रहे थे। इस हमले में मारे गए लोगों में बडगाम जिले के छह गैर-स्थानीय श्रमिक और एक डॉक्टर शामिल थे, जिनकी हत्या ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इस तरह के हमले स्थानीय विकास परियोजनाओं को भी प्रभावित करते हैं और लोगों के जीवन में भय का माहौल पैदा करते हैं।
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