Cyclone Dana: पश्चिम बंगाल में शुक्रवार रात से पानी भरने के कारण तीन इलाकों में बिजली का करंट लगने से तीन लोगों की दुखद मौत हो गई। भारी बारिश के चलते जलभराव हो गया था, जिससे सड़कों पर करंट फैल गया। ऐसे हालात अक्सर पुराने या खराब बिजली के तारों से संपर्क में आने से बनते हैं, जो जलभराव के दौरान खतरनाक साबित होते हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष कदम उठाए हैं, जैसे कि जलमग्न क्षेत्रों में बिजली सप्लाई बंद करना और बचाव कार्यों में तेजी लाना। दूसरी ओर, तमिलनाडु में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने राज्य के चार जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
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पश्चिम बंगाल में अब तक चार लोगों की मौत
चक्रवात दाना के ओडिशा में पहुंचने के बाद पश्चिम बंगाल में इसके असर से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य प्रशासन के अनुसार, इनमें से तीन लोग जलभराव वाली सड़कों पर बिजली का करंट लगने से जान गंवा बैठे, जबकि एक व्यक्ति की मृत्यु नाले में फंसने से हुई। चक्रवात के कारण क्षेत्र में भारी बारिश और जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए हालात मुश्किल हो गए हैं।
दक्षिण बंगाल के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश
चक्रवात दाना के प्रभाव से पश्चिम बंगाल में हुई चार मौतों में से दो दक्षिण 24 परगना जिले में, एक कोलकाता में, और एक हावड़ा जिले में हुई है। शुक्रवार को दक्षिण बंगाल के कई हिस्सों में पूरे दिन मूसलाधार बारिश होती रही, लेकिन आधी रात के बाद से बारिश का असर कम होने लगा। शनिवार सुबह से बारिश बहुत हल्की हो गई, जिससे राज्य प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
चक्रवात दाना की रफ्तार हुई कम
मौसम विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चक्रवात दाना अब कमजोर होकर सामान्य दबाव क्षेत्र में बदल गया है और वर्तमान में उत्तरी ओडिशा के ऊपर स्थित है। इसके कमजोर होने से पश्चिम बंगाल में बारिश में काफी कमी आई है, जिससे राज्य में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं।
खेतों में जलभराव से फसलों को नुकसान
हालांकि बारिश में कमी आई है, लेकिन दक्षिण बंगाल के कई इलाकों में खेतों में जलभराव के कारण कृषि भूमि पर फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। राज्य कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ फसल की कटाई का मौसम होने के कारण बाढ़ और जलभराव ने फसलें बर्बाद होने का खतरा बढ़ा दिया है। धान और अन्य मौसमी फसलें अत्यधिक जलभराव से प्रभावित हो सकती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
तमिलनाडु के चार जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
तमिलनाडु के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने शनिवार को राज्य के थेनी, तिरुनेलवेली, तेनकासी और मदुरै जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की है। इन संभावित मौसमीय प्रतिकूलताओं के मद्देनजर एहतियात के तौर पर इन जिलों के स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। आरएमसी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा से बचने की सलाह दी है। स्थानीय प्रशासन ने भी राहत और बचाव कार्यों के लिए आवश्यक तैयारियाँ कर ली हैं।
स्कूलों में छुट्टी
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद, तमिलनाडु के थेनी, तिरुनेलवेली, तेनकासी और मदुरै जिलों में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है। जिला कलेक्टरों ने तेनकासी और थूथुकुड़ी में स्कूलों में विशेष कक्षाओं को भी रोकने का निर्देश दिया है। मदुरै के जिला कलेक्टर ने भी सभी स्कूलों में छुट्टी का आदेश दिया है, जबकि थेनी जिले में सभी प्रकार के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है। यह कदम संभावित भारी बारिश और आंधी-तूफान से छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।