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Thursday, December 4, 2025
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UPI ट्रांजैक्शन ने फिर लगाई जोरदार छलांग, कैसे इस क्षेत्र में अग्रणी बना भारत?

UPI: त्वरित भुगतान प्रणाली यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई ट्रांजैक्शन ने फिर जोरदार छलांग लगाई।

UPI: त्वरित भुगतान प्रणाली यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई ट्रांजैक्शन ने फिर जोरदार छलांग लगाई। वर्ल्डलाइन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से डिजिटल पेमेंट में 2024 की पहली छमाही में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान कुल डिजिटल पेमेंट का आंकड़ा 78.97 अरब तक पहुंच गया।

वृद्धि के आंकड़े

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के लॉन्च के बाद से भारत ने डिजिटल पेमेंट्स में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। यूपीआई के शुरुआती दिनों में इसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। वित्त वर्ष 2016-2017 में, यूपीआई के माध्यम से केवल 36% पेमेंट्स ही की जाती थीं। कोरोना महामारी के दौरान, लॉकडाउन के कारण डिजिटल लेनदेन में तेजी आई। इस समय, ऑनलाइन खरीदारी और संपर्क रहित भुगतान की आवश्यकता ने यूपीआई के उपयोग को बढ़ावा दिया।

वैश्विक प्रभाव

वित्त वर्ष 2021 के अंत तक, यूपीआई से पेमेंट्स की दर 63% तक पहुंच गई। यह दर्शाता है कि पिछले पांच वर्षों में यूपीआई भुगतान में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे यह साबित होता है कि भारतीय उपभोक्ता डिजिटल भुगतान को तेजी से अपना रहे हैं। इस वृद्धि ने भारत को डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है, और आज यह दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान नेटवर्क बन चुका है।

यूपीआई लेनदेन में वृद्धि

वर्ष 2023 की पहली छमाही में यूपीआई से होने वाले लेनदेन की राशि 51.9 बिलियन डॉलर से बढ़कर 78.97 बिलियन डॉलर हो गई। इस दौरान यूपीआई लेनदेन की कुल वैल्यू में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

प्रमुख ऐप्स

भारत में विभिन्न ऐप्स जैसे फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, और भीम यूपीआई भुगतान के लिए उपलब्ध हैं। ये ऐप्स लोगों को यूपीआई का उपयोग करने में सुविधा प्रदान करते हैं। वर्ष 2023 के जून तक, फोन पे, गूगल पे, और पेटीएम ने मिलकर यूपीआई लेनदेन के कुल वॉल्यूम और वैल्यू का 94.83 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखा।

वृद्धि के मुख्य कारण

यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ता तेजी से डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं, जो आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में सहायक है।
आसान और त्वरित लेनदेन: यूपीआई की सहजता और त्वरित प्रक्रिया ने इसे व्यापक रूप से अपनाने में मदद की है।
बढ़ता डिजिटल अर्थव्यवस्था: भारत में डिजिटल भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता और उपयोगकर्ता आधार ने इसे और भी प्रोत्साहित किया है।
प्रवर्तन और जागरूकता: सरकारी पहलों और बैंकों की प्रचार गतिविधियों ने लोगों को डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूक किया है।

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