NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि परीक्षा रद्द करने की मांग सही नहीं है। इसका मतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा दोबारा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि नीट-यूजी परीक्षा में किसी भी प्रकार का बदलाव या पुनः आयोजन नहीं किया जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह परीक्षा के परिणाम और प्रक्रिया को स्थिरता प्रदान करता है। आपको बता दें पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को सही विकल्प पर अपनी राय बनाने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक अपनी राय अदालत के रजिस्ट्रार को भेजने को कहा था।
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दोबारा नहीं होगी नीट यूजी की परीक्षा
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते समय कहा कि केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपनी बातें रखीं। सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर ने भी कोर्ट में सहयोग किया है। सीजेआई ने कहा कि यह मामला बड़ी संख्या में छात्रों को प्रभावित करने वाला है, ऐसे में दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं है।
छात्रों के हित में लिया गया फैसला
इस निर्णय के पीछे का तर्क यह है कि नीट-यूजी परीक्षा को दोबारा कराने से छात्रों की पढ़ाई और भविष्य पर अनावश्यक प्रभाव पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे परीक्षा की स्थिरता और निष्पक्षता बनी रहे।
कई छात्र कर रहे थे दोबारा परीक्षा की मांग
आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों कई छात्र नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे थे। उन्होंने इसमें कई अनियमितताओं का गंभीर आरोप भी लगाया। यहां तक कहा कि पेपर लीक हुआ है। इसके साथ ही इसमें कई खामियां भी बताई। नीट-यूजी परीक्षा 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में भी आयोजित की गई थी।
केवल पटना और हजारीबाग में हुई चीटिंग
एडवोकेट श्रुति चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी की दलीलें सुनीं, सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखी। इसके बाद फैसला किया कि रिकॉर्ड पर इतना सबूत ही नहीं है कि दोबारा परीक्षा कराई जाए। उन्होंने कहा कि जो गड़बडत्री हुई, वह केवल पटना और हजारीबाग में हुई थी। इसके अलावा सभी जगह परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोबारा परीक्षा की मांग
इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक स्तर पर चीटिंग के सबूत नहीं पाए, जिसके आधार पर नीट-यूजी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया जा सके। इसलिए, कोर्ट ने परीक्षा को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया और परीक्षा परिणाम को मान्य रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतने कम सबूत के आधार पर अगर दोबारा परीक्षा होगी तो 23 लाख उम्मीदवारों के लिए सुविधाजनक नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा, अंकों का नए सिरे से करें मिलान
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के संबंध में एक नई दिशा दी है। कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ पैनल द्वारा दी गई राय के मद्देनजर अंकों को नए सिरे से मिलाने को कहा है। विशेषज्ञ पैनल ने राय दी थी कि एक प्रश्न के दो विकल्पों को सही उत्तर के रूप में नहीं माना जा सकता।
इस निर्देश का मतलब है कि एनटीए को इस विशेष प्रश्न के अंकों की समीक्षा करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सही उत्तर के विकल्प को मान्यता दी जाए। यह कदम छात्रों को उचित न्याय और सही अंकों के मिलान की गारंटी देने के लिए उठाया गया है।