Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले मे 2 जुलाई को एक सतसंग में हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई थी। विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सबमिट कर दी है। इस मामले पर योगी सरकार का एक्शन शुरू हो गया है। एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 अधिकारियों, कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजन कमेटी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए है। हालांकि इस रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ का जिक्र तक नहीं किया गया।
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हादसा आयोजकों की लापरवाही, गहनता से जांच जरूरी
एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम रविंद्र कुमार, सीओ आनंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर, तहसीलदार और चौकी इंचार्ज कचौरा और पारा को सस्पेंड कर दिया है। एसआईटी ने रिपोर्ट में लिखा कि इस हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस दुर्घटना की गहनता से जांच होनी चाहिए। यह हादसा आयोजकों की घोर लापरवाही से हुआ है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया है। इसके अलावा घटना को लेकर हुई मीडिया रिपोर्टिंग, अखबारों में छपी खबरें, आयोजन स्थिल की वीडियोग्राफी, फोटो और वीडियो क्लिपिंग का भी संज्ञान लिया गया।
जांच के दौरान 150 लोगों के बयान दर्ज
विशेष जांच टीम ने रिपोर्ट में बताया कि एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज सहित सभी ने अपनी जिम्मेदारी में घोर लापरवाही बरती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एसडीएम ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए इसकी इजाजत दी गई थी। सीनियर अफसरों को भी जानकारी नहीं दी। एसआईटी ने जांच के दौरान 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए। इस दौरान कई चौंकाने वाले बयान भी सामने आए है।
एसआईटी ने अफसरों के लिए क्या कहा
इस हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने कहा कि कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस-प्रशासन भी दोषी पाए गए है। एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी से अपना काम नहीं किया। साथ ही कहा कि उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की इजाजत दे दी गई। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसके बारे में नहीं बताया।
भगदड़ में 123 लोगों ने गंवाई थी जान
आपको बता दें कि दो जुलाई को हाथरस में हुई भगदड़ में 123 लोगों की जान गई थी। मृतकों में 113 महिलाएं और 7 बच्चियां शामिल हैं। इस मामले की तीन स्तर पर जांच की जा रही है। पहली रिपोर्ट एसडीएम ने हादसे के 24 घंटे बाद प्रशासन को सौंपी दी थी। दूसरी रिपोर्ट सोमवार को एसआईडी ने योगी सरकार को दी है। दो महीने बाद आयोग जांच की तीसरी रिपोर्ट सरकार को देगा। एसआईडी में बताया गया है कि आयोजकों की लापरवाही से हाथरस में ये हादसा हुआ। इतनी भीड़ इकट्ठा कर ली गई, लेकिन इसके लिए कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।