Anti Paper Leak Law: केंद्र सरकार ने नीट यूजी और यूसीजी नेट परीक्षा को लेकर मचे बवाल के बीच एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में ‘लोक परीक्षा कानून-2024’ लागू कर दिया है। ये कानून पेपर लीक और धोखाधड़ी को रोकने के लिए फरवरी में पारित किया गया था। केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी पाए जाने वाले को कम से कम तीन साल जेल की सजा मिलेगी। इसे 10 लाख रुपए तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं सेवा प्रदाताओं जिन्होंने संभावित अपराध के बारे में जानकारी होने पर भी उसे रिपोर्ट नहीं किया, उन पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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पेपर लीक करने पर 10 साल की कैद और 1 करोड़ जुर्माना
इसके साथ ही जांच के दौरान पता चलता है कि इस अपराध में कोई सरकारी अधिकारी शामिल है या उनकी अनुमति से अपराध हुआ है तो उसे न्यूनतम तीन वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की कैद की सजा हो सकती है। वहीं 1 करोड़ का जुर्माना देना होगा। इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की तरफ से आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी। कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि परीक्षा को लेकर सख्त कानून बना रहे हैं।
4 साल के लिए होगा सस्पेंड परीक्षा सेंटर
यदि किसी परीक्षा केंद्र की गड़बड़ी में भूमिका पाई गई तो उस सेंटर को 4 साल के लिए सस्पेंड किया जाएगा। यानी उस सेंटर पर अगले 4 साल तक के लिए कोई भी सरकारी परीक्षा नहीं होगी।
परीक्षा सेंटर में नहीं मिलेगा हर किसी को प्रवेश
नए नियमों के अनुसार, परीक्षा सेंटर हर किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा। किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे परीक्षा से जुड़ा काम नहीं दिया गया है, उसकी परीक्षा सेंटर पर अनुमति नहीं होगी। एग्जाम में घपला करने की नीयत से उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करने पर सजा हो सकती है।
प्रमुख बिंदु
देश में एंटी-पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया है, जो परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने की समस्या को सख्ती से रोकने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। आइए इस कानून के प्रमुख बिंदुओं और इसके प्रभावों पर नजर डालते हैं:
कानून का उद्देश्य
इस कानून का उद्देश्य परीक्षाओं की विश्वसनीयता को बनाए रखना और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकना है। छात्रों और शिक्षकों में अनुशासन और ईमानदारी को बढ़ावा देना।
कड़ी सजा
पेपर लीक करने वालों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। यह सजा उन सभी लोगों पर लागू होती है जो पेपर लीक करने या इसमें शामिल होने के दोषी पाए जाते हैं।
भारी जुर्माना
कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना संस्थाओं और व्यक्तियों दोनों पर लागू हो सकता है।
कानून का दायरा
यह कानून सभी प्रकार की परीक्षाओं पर लागू होता है, चाहे वह सरकारी हों, निजी संस्थाओं द्वारा आयोजित हों, या शैक्षिक परीक्षाएं हों। इसमें लिखित परीक्षाओं के साथ-साथ ऑनलाइन परीक्षाएं भी शामिल हैं।
जांच और निगरानी
पेपर लीक की घटनाओं की जांच के लिए विशेष एजेंसियों और टीमों का गठन किया जाएगा। परीक्षा के दौरान और बाद में निगरानी के लिए तकनीकी उपायों का भी उपयोग किया जाएगा।
सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा भी स्थगित
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 25 जून से 27 जून के बीच होने वाली थी। एनटीए ने कहा कि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों और संचालन से जुड़े मुद्दों के कारण इस परीक्षा को स्थगित किया जा रहा है। परीक्षा का संशोधित शेड्यूल जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट के जरिए जारी किया जाएगा। संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पुरस्कार और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है।